मॉरिशस के कार्यवाहक राष्ट्रपति परम शिवम पिल्लै तीन ने दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ किया

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Chandigarh News, 13 Dec 2018 : मॉरिशस के राष्ट्रपति परमशिवम पिल्लै व्यापूरी ने कहा है कि वर्तमान विश्व व समाज की सभी समस्याओं का हल श्रीमद्भगवद्गीता में निहित है। इस ग्रंथ को जीवन में अपनाकर ही विश्व का कल्याण संभव है। श्री पिल्लै गुरुवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ओडिटोरियम हॉल में नव भारत के निर्माण में श्रीमद्भगवद्गीता की अंतर्दृष्टि विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पूर्व मॉरिशस के कार्यवाहक राष्ट्रपति परम शिवम पिल्लै, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेन्द्र सिंह, हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा, स्वामी ज्ञानानंदए विधायक सुभाष सुधा, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाश चन्द्र शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ किया व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की ओर से तैयार की गई 48 कोस एक सांस्कृतिक यात्रा कॉफी टेबलए अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के सॉविनियर व पुस्तक का विमोचन किया गया।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता व्यक्ति को जीवन में सही निर्णय लेने में मदद करती है। जब व्यक्ति के निर्णय सही होते है तो तभी परिणाम भी सही मिलते हैं। आज दुनिया में जिस तरह से मूल्यों का क्षरण हुआ हैए ऐसे समय में पूरी मानवता को मजबूत व सशक्त बनाने के लिए विश्व के प्रत्येक व्यक्ति के लिए गीता का अध्ययन जरूरी है।
मॉरिशस के महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि अपनी संस्कृति को जिंदा रखने व नई पीढ़ी तक संस्कृति व उसके दर्शन को पहुंचाने के लिए इस तरह के महोत्सव आयोजित करने की आवश्यकता है। इस भव्य महोत्सव के आयोजन के लिए उन्होंने हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य व हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र की तर्ज पर ही मॉरिशस फरवरी माह में गीता जयन्ती महोत्सव आयोजित करने जा रहा है। इसके लिए उन्होंने सभी को आमन्त्रित किया। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयन्ती महोत्सव का सहयोगी देश बनकर मॉरिशस का प्रत्येक व्यक्ति गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने सभी देशवासियों को गीता जयन्ती की बधाई देेते हुए कहा कि गीता के उपदेश से ही विश्व कल्याण व नव भारत का निर्माण संभव है। भगवान कृष्ण ने कुरुक्षेत्र की भूमि में अपनी दिव्य वाणी से दुनिया को यह संदेश दिया था। गीता के संदेश में सभी महान ग्रन्थों का संदेश निहित है। गीता को धारण कर ही भारत शिक्षित, विकसित व विश्व गुरू बन सकता है। श्रीमद्भगवद्गीता हमें कर्म का संदेश देती है। देश के प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षित व जागृत कर ही देश को एक नई दिशा जा सकती है। कुरुक्षेत्र आध्यात्मिक व शिक्षा का केन्द्र है।
श्री आर्य ने कहा कि कुरूक्षेत्र में जल, थल और वायु तीनो का आध्यात्मिक संगम है। इसलिए यहां आकर प्रत्येक मनुष्य के जन्मों जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है। उन्होने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने गीता में वसुधैव कुटूम्बकम् का संदेश दिया। यह निष्काम कर्म का एक ऐसा दर्शन है जो प्रत्येक प्राणी व राष्ट्र की उन्नति का आधार है।
कुरुक्षेत्र से गीता का संदेश जन-जन तक पहुंचे यही अन्तर्राष्ट्रीय महोत्सव का उद्देश्य है। इस मौके पर उन्होंने संविधान निर्माता डा0 भीमराव अम्बेडकर के संदेश शिक्षित बनो, संगठित रहो व संघर्ष करो को अपने जीवन में धारण कर श्रीमद्भगवद्गीता को अपने जीवन व्यवहार में शामिल करने की अपील की।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह हरियाणा प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि लगातार तीसरे वर्ष गीता जयन्ती महोत्सव का आयोजन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में इस वर्ष मॉरिशस सहयोगी देश व गुजरात सहयोगी राज्य के रूप में शामिल हुए हैं। इसके लिए उन्होंने मॉरिशस के राष्ट्रपति परम शिवम पिल्लै व गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूड़ास्मा का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयन्ती पर हरियाणा में ही नहीं अब विदेशों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। श्रीमद्भगवद्गीता का संदेश दुनिया के कोने.कोने तक पहुंचे इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर सरकार की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाभारत ही दुनिया में एक ऐसा उदाहरण है जिसमें भगवान कृष्ण ने अपनी दिव्य वाणी से श्रीमद्भगवद्गीता का संदेश विश्व को दिया था। इस युद्ध में शस्त्र व शास्त्रार्थ दोनों का प्रयोग एक साथ हुआ था। श्रीमद्भगवद्गीता एक आध्यात्मिक व दार्शनिक ग्रन्थ नहीं है बल्कि यह विश्व कल्याणए जन.कल्याण का अद्भूत ग्रन्थ है। जीवन प्रबन्धन की दृष्टि से यह उत्तम ग्रन्थ है। इसी के चलते हॉवर्ड बिजनेस स्कूल सहित विश्वभर के कईं विश्वविद्यालयों में  इस पर अध्ययन किए जा रहे हैं। श्रीमद्भगवद्गीता जीवन को दिशा देने वाला ग्रन्थ है। नव भारत के निर्माण में गीता का उपयोग कैसे होए इस पर चिन्तन करना जरूरी है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में हो रही अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में निश्चित रूप से इस दिशा में कुछ सुझाव मिलेंगे जो नव भारत के निर्माण में सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक सच्चे कर्मयोगी हैं। देश के नव निर्माण के लिए डिजीटल इंडियाए मेक इन इंडियाए स्किल इंडियाए स्वच्छ भारत जैसी सैंकड़ों योजनाएं उनकी अगुवाई में शुरु कर देश को एक नई दिशा दी जा रही है। देश का प्रत्येक व्यक्ति कर्मयोगी बनकर नव निर्माण में अपना योगदान दे। श्रीमद्भगवद्गीता यही संदेश हमें देती है। इस मौके पर उन्होंने इस महोत्सव में शामिल होने के लिए सभी का आभार प्रकट किया। गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूड़ास्मा ने कहा कि गीता आधुनिक जीवन का दर्शन है। यह ग्रन्थ भारतीय जीवन व संस्कृति का आधार है। जब देश का प्रत्येक व्यक्ति श्रीमद्भगवद्गीता को अपने जीवन में धारण करेगाए तभी वर्तमान की सभी समस्याओं का हल कर हम समाधान की ओर आगे बढकऱ नए भारत का निर्माण कर सकेंगे। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में सहयोगी राज्य के रूप में गुजरात को शामिल करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया।
इस अवसर पर बोलते हुए स्वामी ज्ञानानन्द ने कहा कि भारत दुनिया का एक गौरवशाली राष्ट्र है। नव भारत का निर्माण कैसे होए हम किस तरह का भारत चाहते हैंए इसके लिए निश्चित रूप से श्रीमद्भगवद्गीता की ओर देखना जरूरी है। भारत का विकास होए देश में अच्छे संस्कार का निर्माण होए स्मार्ट सिटी के साथ स्मार्ट सिटीजन बने इसके लिए श्रीमद्भगवद्गीता के दर्शन को जीवन में अपनाने की आवश्यकता है। गीता भौतिकवाद व आध्यात्म के संतुलन का शास्त्र है। देश में जीवन मूल्यए सामाजिक मूल्यए सांस्कृतिक मूल्य व मानवीय मूल्य बढ़ेए भगवद्गीता का दर्शन हमें यही संदेश देता है।
शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने सभी मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति दुनिया की सबसे प्राचीन व गौरवशाली संस्कृति है। श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय जीवन दर्शन का आधार है। गीता भारत का गीत हैए भारत का ज्ञान.विज्ञान हैए गीता वर्तमान की सभी समस्याओं का समाधान है। इसलिए ही हरियाणा सरकार ने स्कूल स्तर पर पाठ्यक्रम में श्रीमद्भगवद्गीता को शामिल करने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयन्ती महोत्सव के माध्यम से पिछले 3 वर्षों में भगवद्गीता का विश्व कल्याण का संदेश जन.जन तक पहुंचा है। इस मौके पर उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल होने वाले दुनियाभर से आए विद्वानों व चिन्तकों को शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉण् कैलाश चन्द्र शर्मा ने सभी का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण बेदीए थानेसर के विधायक सुभाष सुधाए लाडवा के विधायक डॉण् पवन सैनीए कुलसचिव डॉण् नीता खन्नाए सेमिनार की निदेशिका प्रोफेसर मंजूला चैधरीए जिला परिषद के अध्यक्ष गुरुदयाल सुनेहड़ीए भाजपा के जिला अध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुरए डीनए डॉयरेक्टरए विभागाध्यक्षए शिक्षकए विद्यार्थी व विभिन्न देशों से आए विद्वान मौजूद थे।
अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कैलाश चन्द्र शर्मा ने घोषणा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में श्रीमद्भगवद्गीता पर अध्ययन के लिए गीता अध्ययन एवं शोध केन्द्र स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र विभाग की तरफ से एक प्रस्ताव विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को भेजा गया था। उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में गीता अध्ययन शोध केन्द्र व विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अम्बेडकर अध्ययन केन्द्र में बौद्ध अध्ययन पर एक विशेष केन्द्र बनाने की अनुमति प्रदान की है। कुलपति ने कहा कि आने वाले समय में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गीता शोध अध्ययन केन्द्र एवं बौद्ध अध्ययन केन्द्र में श्रीमद्भगवद्गीता पर अध्ययन होगा। कुलपति ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इससे पहले भी दर्शनशास्त्र व दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय में भगवद्गीता पर सर्टिफिकेट कोर्स के माध्यम से विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

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