मानव रचना और QS I-Gauge ने आयोजित की क्यू एस RISE दिल्ली-एनसीआर कॉन्फ्रेंस

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Faridabad News, 23 July 2021 : मानव रचना शैक्षणिक संस्थान की ओर से QS RISE की ओर से रीडिफाइनिंग इंस्टीट्यूश्नल स्ट्रैटेजी ऑफ एक्सीलेंस पर दिल्ली-एनसीआर कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। ऑनलाइन आयोजित की गई इस कॉन्फ्रेंस में भारत, तुर्की, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया के  शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया और अपने विचार साझा किए। QS IGAUGE भारत में प्राइवेट सेक्टर इनिशिएटिव है जो कॉलेज, यूनिवर्सिटी और स्कूल को रेटिंग्स देता है।

मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला ने कहा कि, हमारे देश में शिक्षा क्षेत्र महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। शिक्षा हमारे जीवन पर सबसे ज्यादा प्रभाव लाता है। उन्होंने लॉकडाउन और कोरोना काल को सीखने का समय बताया। उन्होंने कहा नई शिक्षा नीति से का उद्देश्य भारत को ज्ञान केंद्र के रूप में बढ़ावा देना, विदेशी छात्रों को आकर्षित करना और संगठित प्रयासों के माध्यम से भारतीय संस्थानों और वैश्विक संस्थानों के बीच अनुसंधान सहयोग और छात्र आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।

हरियाणा सरकार  के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के प्रमुख सचिव डॉ. आनंद मोहन शरन (आईएएस) ने कहा कि,  जब हम शैक्षिक दृष्टिकोण और शिक्षाशास्त्र में चुनौतियों की बात करते हैं, तो शिक्षा के क्षेत्र में शामिल कई हितधारकों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण हो जाता है, जिनमें सबसे ऊपर हैं- शिक्षक, छात्र और उद्योग के पेशेवर। ये तीनों ही शिक्षा के सार को परिभाषित करते हैं। यह स्पष्ट है कि कक्षा को भौतिक सेटअप से वर्चुअल सेटअप में स्थानांतरित करते समय बहुत सारी चुनौतियाँ शामिल थीं, लेकिन इन चुनौतियों को शिक्षकों और छात्रों के समर्पण और विभिन्न नवीन तकनीकों को अपनाने से धीरे-धीरे आगे बढ़ाया गया, जिसने सीखने को न केवल सूचनात्मक बना दिया बल्कि ज्ञानवर्धक भी बना दिया। शिक्षा का डिजिटलीकरण महत्वपूर्ण था और यहीं से हमारे हितधारकों की त्वरित कार्रवाई महत्वपूर्ण हो गई।

एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा, उत्कृष्टता गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पहचान है। भारत में शिक्षक विकास के चरम पर हैं। महामारी के दौरान, एआईसीटीई लर्निंग अकादमी में हमने अपने फैकल्टी को उभरते क्षेत्रों में बहुत सारे पाठ्यक्रमों के साथ सशक्त बनाया जिनमें 1.6 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित करना शामिल है।

इसके बाद ‘ऑनलाइन शिक्षा में सीखने के परिणामों को मापने’ और ‘अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का लाभ उठाने में सर्वोत्तम अभ्यास’ पर चर्चा की गई।

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