सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगा जे सी बोस विश्वविद्यालय

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Faridabad News, 01 Jan 2020 : अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ रणनीतिक सहभागिता विकसित करने और अनुसंधान सहयोगों को स्थापित करने के लिए, जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद एक कार्य-योजना तैयार कर रहा है जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय ने अनुसंधान के ऐसे विशेष क्षेत्रों की पहचान करने का निर्णय लिया है, जहां विश्वविद्यालय अनुसंधान के विशिष्ट क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग एजेंसियों से आसानी से अनुदान प्राप्त कर सकता है।

यह जानकारी आज यहां इंटरनेशनल अफेयर सेल द्वारा कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की अध्यक्षता में ब्रुनल यूनिवर्सिटी लंदन के प्रतिनिधि डॉ. हरजीत सिंह के साथ आयोजित बैठक में दी गई। इस बैठक का उद्देश्य जे.सी. बोस यूनिवर्सिटी और ब्रुनल यूनिवर्सिटी के बीच सहयोग के माध्यम से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास परियोजनाओं पर काम करने के संभावनाओं पर चर्चा करना था। बैठक में सभी डीन, विभागाध्यक्ष, कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग और निदेशक, इंटरनेशनल अफेयर डाॅ. शिल्पा सेठी भी उपस्थित थी।

कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है ताकि शिक्षण, अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके। अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता के माध्यम से, विश्वविद्यालय की योजना संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए एक्सचेज प्रोग्राम के माध्यम से अनुसंधान परियोजनाओं पर मिलकर काम करते हुए अनुसंधान को बढ़ावा देने की है।

सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकी, वैक्यूम इन्सुलेशन पैनल और बेहतर ऊर्जा दक्षता के लिए रेट्रोफिट्स बनाने के क्षेत्र में अनुसंधान विशेषज्ञता रखने वाले डॉ. हरजीत सिंह ने कुलपति के साथ अपने अनुभव साझे किये। इस समय डाॅ. हरजीत सिंह विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के माध्यम से 16 मिलियन पाउंड से अधिक की अनुसंधान निधि पर कार्य कर रहे है। डॉ. हरजीत सिंह ने बैठक में बताया कि भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और यूरोपीय आयोग (ईसी) के बीच समझौते के अंतर्गत भारत और यूरोपीय संघ के विश्वविद्यालयों के बीच परस्पर अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास और परिनियोजन परियोजना प्रस्तावों की संयुक्त रूप से फंडिंग की जाती है। उन्होंने विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से अनुसंधान निधि प्राप्त करने के अवसरों का लाभ उठाने के लिए डीएसटी के माध्यम से अपने प्रस्ताव भेजने का सुझाव दिया और ऐसे प्रस्तावों, जहां जे.सी. यूनिवर्सिटी और ब्रुनल यूनिवर्सिटी एक साथ काम कर सकते हैं, के लिए अपना तकनीकी मार्गदर्शन देने का आश्वासन दिया।

इससे पहले, बैठक में इंटरनेशनल अफेयर सेल की समन्वयक डॉ. सपना तनेजा ने विश्वविद्यालय का संक्षिप्त परिचय दिया। इसके बाद विश्वविद्यालय की मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल प्रयोगशालाओं में विभिन्न अनुसंधान सुविधाओं के विषय में जानकारी दी गई।

इसके उपरांत डॉ. हरजीत सिंह ने अपने शोध कार्य पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी और संयुक्त अनुसंधान और परियोजनाओं के क्षेत्रों में काम करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए विभिन्न विभागाध्यक्षों के साथ चर्चा को आगे बढ़ाया। इस अवसर पर, डॉ. हरजीत सिंह ने विश्वविद्यालय की विभिन्न सुविधाओं और प्रयोगशालाओं का भी दौरा भी किया।

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