जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने रोटरी ब्लड बैंक के लिए बनाई मोबाइल ऐप

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Faridabad News, 09 Aug 2019 : अब फरीदाबाद शहर के लोगों को जरूरत के समय खून के लिए इधर-उधर नहीं घूमना पड़ेगा, बल्कि वे खुद स्वैच्छिक रक्तदाताओं से मोबाइल ऐप ‘बून्द’ ’के माध्यम से संपर्क कर सकेंगे। इस मोबाइल ऐप को जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के बीटेक विद्यार्थियों ने रोटरी ब्लड बैंक चेरिटेबल ट्रस्ट, फरीदाबाद के लिए विकसित किया है। इस परियोजना को लागू करने में रोटरी ने विश्वविद्यालय को भागीदार बनाया है।

इस मोबाइल ऐप के द्वारा स्वैच्छिक रक्तदाता और रक्त के इच्छुक व्यक्ति खुद को ब्लड ग्रुप के साथ पंजीकृत कर सकते हैं। यह ऐप उपयोगकर्ताओं को पंजीकृत रक्तदाता एवं इच्छुक व्यक्तियों की जीपीएस लोकेशन भी दर्शाता है ताकि वे उनसे संपर्क कर सके। इस ऐप में पंजीकृत उपयोगकर्ताओं को निर्बाध सेवाएं प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय डेटा विश्लेषण लैब भी स्थापित करेगा। ऐप के ट्रायल के उपरांत इसे जल्द ही गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध करवा दिया जायेगा। इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग की अध्यक्ष डाॅ. नीलम तूर्क भी उपस्थित थी।
विश्वविद्यालय ने आज रोटरी ब्लड बैंक चैरिटेबल ट्रस्ट फरीदाबाद के साथ परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। जेसी बोस विश्वविद्यालय की ओर से डीन (अकादमिक) डॉ. विक्रम सिंह और आरबीबीसीटी की ओर से अध्यक्ष संजय वधावन ने कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किये।

ऐप को इलेक्ट्राॅनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक के विद्यार्थी नवदीप कुमार और अनीशा रहेजा ने इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग की सहायक प्रोफेसर सुश्री रश्मि चावला की देखरेख में डिजाइन किया है। इस परियोजना में रश्मि चावला नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग से सहायक प्रोफेसर डॉ. शैलेंद्र गुप्ता और श्री भरत भूषण परियोजना के समन्वयक होंगे।

कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई के साथ-साथ सीखने का ऐसा मॉड्यूल विकसित करने के लिए विभाग के प्रयासों की सराहना की है, जहां छात्र न केवल वास्तविक समस्याओं को सीखेंगे और समाधान प्रदान करेंगे, बल्कि समाज के लिए अपना योगदान भी देंगे। उन्होंने रोटरी के अधिकारियों को बताया कि विश्वविद्यालय समय-समय पर विश्वविद्यालय परिसर में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन भी करता है।

सुश्री रस्मी चावला ने बताया कि मोबाइल ऐप परियोजना जरूरतमंद ऐसे लोगों के लिए फायदेमंद होगी जो बहुत ही दुर्लभ ब्लड ग्रुप से संबंधित हैं क्योंकि उपयोगकर्ता ऐप के माध्यम से वे अपने ब्लड़ ग्रुप के विवरण साझा कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि रोटरी के साथ समझौते के अनुसार, रोटरी द्वारा विश्वविद्यालय में डेटा विश्लेषण लैब की स्थापना के लिए सभी जरूरी उपकरण प्रदान करेगा और देखरेख के लिए एक समन्वय अधिकारी नियुक्त करेगा। लैब का उपयोग विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने तथा अनुसंधान उद्देश्यों से किया जाएगा। लैब की स्थापना का सारा खर्च रोटरी द्वारा वहन किया जाएगा।

रोटरी ब्लड बैंक चेरिटेबल ट्रस्ट, फरीदाबाद के अध्यक्ष श्री संजय वधावन ने कुलपति को बताया कि प्रतिदिन 50 से 60 यूनिट रक्त की वर्तमान आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, ब्लड बैंक ने इस वर्ष के लिए 15 हजार यूनिट रक्त संग्रह का लक्ष्य रखा है। उन्होंने विश्वविद्यालय से नियमित अंतराल पर रक्तदान शिविर आयोजित करने का आग्रह किया ताकि स्वैच्छिक रक्तदाता विश्वविद्यालय परिसर में रक्तदान करने की सुविधा का लाभ उठा सकें।

कुलपति ने रोटरी के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे स्वैच्छिक रक्तदाताओं को जरूरत पड़ने पर खून उपलब्ध करवाने को प्राथमिकता दे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय और रोटरी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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