भारत अपने प्राचीन ज्ञान व तकनीक से बनेगा विश्व गुरूः रवि अय्यर

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Faridabad News, 19 Sep 2018 : जेसी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा सर्व इंडिया फाउंडेशन फरीदाबाद के संयुक्त तत्वावधान में ‘विश्व परिदृश्य 2050 व भारत’ विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें लेखक, चिंतक तथा अंतराष्ट्रीय विचारक रवि कुमार अय्यर मुख्य वक्ता रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया। कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने श्री अय्यर को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। इस अवसर पर कुल सचिव डॉ. संजय कुमार शर्मा, सर्व इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष श्रीकृष्ण सिंघल, गंगा शंकर मिश्रा के अलावा कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
विचार गोष्ठी की शुरूआत रवि कुमार अय्यर ने भारतीय संस्कृति से जुड़ी कुछ अवधारणाओं तथा इसके पीछे के वैज्ञानिक तथ्यों के बारे में चर्चा करते हुए की। उन्होंने बताया कि किस तरह गणपति विसर्जन, रंगोली तथा ताम्बे के सिक्के का जल विसर्जन के पीछे का वैज्ञानिक तथ्य क्या है और आज स्थिति क्या है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक तथ्यों को जाने बिना अवधारणाओं का अंधानुकरण ठीक नहीं है।

श्री अय्यर ने कहा कि भारत अपनी ज्ञान परंपरा के बल पर ही पुनः विश्व गुरू बन सकता है। भारत के ज्ञान व शोध की दुनिया भर के लोग सराहना कर रहे हैं। भारत में ऋषि-मुनियों ने ज्ञान के सभी क्षेत्रों में प्राचीन काल से उच्च कोटि का शोध किया है। उसी रास्ते पर चल कर 21वीं सदी में भी हम विश्व गुरू बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जिस पर प्रत्येक भारतीय गर्व कर सकता है। भारत के ज्ञान का विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि 2050 तक भारत में विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता है। भारत तकनीकी तथा सैन्य बल दोनों रूपों में सक्षम हो रहा है, क्योंकि हमारे पास हर क्षेत्र उन्नत तकनीक विकसित हो रही है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों की अर्थव्यवस्था भी आज भारत की बौद्धिक क्षमता के सहारे चल रही है। जब इस बौद्धिक क्षमता का उपयोग देश के हित में होगा तो देश निश्चित रूप से आर्थिक रूप और अधिक उन्नत होगी।

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