स्वामित्व योजना को प्रभावी ढंग से लागू करें : वित्तायुक्त संजीव कौशल

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फरीदाबाद, 13 सितम्बर। स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीणों को अपनी संपत्तियों के दस्तावेज हासिल हो सके इसके लिये इस योजना को प्रभावी रूप से लागू करें। यह आवश्यक दिशा-निर्देश राजस्व विभाग के वित्तायुक्त संजीव कौशल ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपायुक्त एवं सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को आज यहाँ दिए। उन्होंने कहा कि अब तक गांवों में आबादी की भूमि का कोई दस्तावेजीकरण नहीं होता था। इस योजना के तहत अब संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म होंगे। इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि शहरों की तरह गांवों में भी लोग बैंकों से लोन ले सकेंगे। इस से पंचायत में होने वाले विकास कार्यों, खर्च होने वाले फंड और आने वाली योजनाओं की जानकारी मिलेगी। इसका सबसे बड़ा फायदा होगा कि गांव के हर व्यक्ति को पता होगा कि क्या योजना चल रही है, कितना पैसा खर्च हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना सरकार की  एक महत्वाकांक्षी योजना है। जिसके तहत गांवों के लोगों की आवासीय संपत्ति के अभिलेख में पूरा ब्योरा दर्ज किया जा रहा है। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों की संपत्तियों से जुड़ी भौतिक प्रतियां प्रॉपर्टी मालिकों को दी जाएंगी। वास्तव में स्वामित्व योजना गांव में रहने वाले लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत ही कारगर और मददगार साबित होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के लाभार्थी फिजिकल कॉपी के साथ-साथ डिजिटल संपत्ति कार्ड भी सम्बन्धित वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। भूमि पैमाइश व राजस्व सम्बन्धी विभागों के अधिकारियों की मानें तो ग्रामीण इलाकों में मौजूद घरों के मालिकों के मालिकाना हक का एक रिकॉर्ड रखने वाली इस योजना के तहत प्रॉपर्टी से जुड़े विवादों के साथ-साथ उनसे सम्बन्धित सटीक भूमि रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। योजना का स्पष्ट मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के मालिकों को अधिकार संबंधी रिकॉर्ड से संबद्ध संपत्ति कार्ड उपलब्ध कराना है। राजस्व विभाग के स्थानीय प्रतिनिधि और अन्य संबद्ध विभागों के प्रतिनिधि लोगों के द्वारा संपत्ति से जुड़े रिकॉर्ड तैयार किये जा रहे हैं। कुछ जगहों पर यह कार्य पूरा कर लिया गया है, जबकि कुछ जगहों पर किया जा रहा है। खास बात यह है कि इस योजना के जरिए जमीन से जुड़े विवादों के निपटारे में बेहद आसानी होगी। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजनइस योजना के तहत आगामी चार साल में यानि अप्रैल 2020 से मार्च 2024 तक पूरे देश के 6.2 लाख गांवों को कवर किया जाएगा। इससे एक ओर जहां सटीक भूमि रिकॉर्ड से संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने का अवसर प्राप्त होगा, वहीं वित्तीय तरलता को बढ़ावा मिलेगा। इससे योजना और राजस्व संग्रह को सुव्यवस्थित और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रॉपर्टी राइट्स पर स्पष्टता सुनिश्चित की जाएगी। इसके तहत, देशभर में लगभग 300 नियमित प्रचालन प्रणाली स्टेशन की स्थापना होगी। जिसके माध्यम से ड्रोन तकनीक और नियमित प्रचालन प्रणाली स्टेशन के द्वारा आवासीय भूमि की पैमाइश सुनिश्चित की जाएगी।

जहां तक इस योजना को लाने की वजह का सवाल है तो हमारे देश की लगभग 60 फीसदी आबादी गांवों और कस्बों में रहती है। जहां पुरानी व्यवस्था के तहत ज्यादातर ग्रामीणों के पास अपनी जमीन के मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं हैं। वहां पर साल दर साल वक्त बीतता गया, लेकिन पुरानी व्यवस्था के चलते मालिकाना हक से जुड़े कागज कभी नहीं बन सके। हालांकि, गांवों की खेतिहर जमीन का रिकॉर्ड तो रखा गया, लेकिन लोगों के घरों पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ‘स्वामित्व’ योजना से इसी बड़ी कमी को दूर करना चाहती है।

उल्लेखनीय है कि इस योजना का ऐलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन के दौरान किया था। उन्होंने राष्ट्रीय पंचायत दिवस के दिन ही स्वामित्व योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत गांव की जमीन की वैज्ञानिक तरीके से ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए माप या पैमाइश की जाएगी। वास्तव में, स्वामित्व योजना गांव की संपत्तियों के सही आकलन करने का प्रयास है, जिसके तहत देश के सभी गांवों की संपत्ति की ड्रोन से मैपिंग की जाएगी और गांव के लोगों को एक मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इससे संपत्ति को लेकर जो भ्रम की स्थिति बनी रहती है वो एक हद तक दूर हो जाएंगे। इससे गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग सही तरीके से होगी। स्वामित्व योजना के कुछ अहम फायदे स्पष्ट कहा जाए तो अब शहरों की तरह ही गांवों में भी आप बैंकों से लोन ले सकते हैं। क्योंकि जब आपके पास स्वामित्व होगा तो उस संपत्ति के आधार पर आप बैंक से लोन ले सकते हैं जो आपके जीवन में काफी काम आ सकता है। उपरोक्त विषय पर प्राप्त निर्देशो पर उपयुक्त जितेंद्र यादव, अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान  सहित सम्बंधित विभाग के अधिकारियों ने वित्तायुक्त को आश्वस्त किया कि समावित्व योजना को जिले में प्रभावी रूप से संचालित करने में कोई कमी नही रहने दी जायेगी।

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