अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच सोने और कच्चे तेल की कीमतों ने की रिकवरी

0
1072
Spread the love
Spread the love

New Delhi, 05 May 2020 : महत्वपूर्ण उद्योगों और निर्माण कंपनियों ने सामान्य स्थिति में वापसी की उम्मीद जताई है और इसे देखते हुए दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं धीरे-धीरे वापस पटरी पर लौट रही हैं। प्रथमेश माल्या, चीफ एनालिस्ट, नॉन-एग्री कमोडिटीज एंड करेंसी, एंजिल ब्रोकिंग लिमिटेड

सोना
दुनिया की दो बड़ी आर्थिक महाशक्तियों- चीन और यू.एस. के बीच बढ़ते तनाव के बीच सोमवार को स्पॉट गोल्ड की कीमतें 0.14 प्रतिशत बढ़ गईं। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि इस महामारी को चीनी अधिकारियों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से पैदा और प्रसारित किया है।

इसके अलावा, अमेरिका का मैन्यूफेक्चरिंग डेटा 11 वर्षों में सबसे कम है, जो 41.5 पर समाप्त हुआ। कई देशों में लॉकडाउन संबंधित नियमों में शिथिलता के निर्णय से उम्मीद की किरण दिखाई दी है क्योंकि इससे महामारी के कमजोर पड़ने के संकेत मिल रहे हैं। निवेशकों और निर्माताओं ने धीरे-धीरे नियमित दिनचर्या में लौटने का इरादा जताया है।

चांदी
सोमवार को चांदी कीमतें 0.67 प्रतिशत कम रहीं और 14.8 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुई। एमसीएक्स पर कीमतें 0.77 प्रतिशत नीचे गिरकर 40,918 रुपए प्रतिकिलो पर बंद हुई।

कच्चा तेल
लॉकडाउन के उपायों में छूट से आर्थिक स्थितियों में सुधार की परिस्थितियों ने तेजी से गिर रहे तेल उद्योग को फिर से पैर जमाने और बेहतर इंटर-वर्ल्ड व्यापार प्रदान करने की अनुमति दी है।

मध्य-पूर्व, संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाली योजनाओं की घोषणाओं और उपायों के कारण डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतें 3.08 प्रतिशत से अधिक हो गईं और $ 20.4 पर बंद हो गईं।

पेट्रोलियम निर्यातक देशों और उसके समर्थकों के संगठन ने 1 मई 2020 से उत्पादन में कटौती करने और 9.7 मिलियन बैरल प्रति दिन उत्पादन करने पर सहमति व्यक्त की है। एमसीएक्स पर कच्चे तेल की कीमतों में आज अधिक कारोबार होने की उम्मीद है।

बेस मेटल्स
लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) पर बेस मेटल की कीमतों पर जिंक का सबसे ज्यादा असर हुआ, जो समूचे स्पेक्ट्रम में सबसे ज्यादा मुनाफे वाला मेटल रहा।

वैश्विक आर्थिक मंदी के अलावा घटती मांग ने बेस मेटल्स की कीमतों में गिरावट जारी रखी। मांग फिर से लौटने की अवधि बढ़ने का बेस मेटल की कीमतों पर भारी असर पड़ा। कोविड-19 महामारी और इसके प्रसार को लेकर चीन और अमेरिका के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के तनाव ने दोनों राष्ट्रों के बीच टैरिफ युद्ध के जोखिम को बढ़ा दिया है। इसकी वजह से बेस मेटल की मांग में कोई खास उछाल नहीं आया है।

कॉपर
अनिश्चित मांग और कमजोर अर्थव्यवस्था के बीच सोमवार को एलएमई कॉपर की कीमतें 0.6 प्रतिशत कम रहीं। पेरू की खानों और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में ऐसी अन्य जगहों के खुलने से न्यूनतम मांग की मौजूदा परिस्थिति में जरूरत से अधिक उत्पादन हो सकता है।

हालांकि, उम्मीदें अब भी कायम है क्योंकि दुनियाभर के देश अर्थव्यवस्था को दोबारा तेजी देने, उत्पादन और मांग में सुधार करने, वैश्विक व्यापार बढ़ाने और दुनियाभर के लोगों और व्यवसायों को स्वस्थ जीवन में वापसी के लिए व्यापक उपायों पर समझौता कर रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here