पुरस्कार समारोह के साथ सिफ्सी का समापन

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New Delhi News : राष्ट्रीय स्तर के विकास संगठन स्माइल फाउंडेशन द्वारा आयोजित अपने तरह के एकमात्र ‘स्माइल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल फॉर चिल्ड्रेन एंड यूथ’ (सिफ्सी) का समापन हो गया। दिल्ली के सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में 11 दिसंबर से 17 दिसंबर तक चले इस फेस्टिवल में दुनिया भर से 100 से अधिक अर्थपूर्ण फिल्मों का प्रीमियर हुआ, जिनमें फीचर फिल्म, लघु फिल्म और वृत्तचित्र भी शामिल थे। 17 दिसंबर, यानी समापन के दिन अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें स्माइल फाउंडेशन के कार्यकारी न्यासी और अध्यक्ष शांतनु मिश्रा, महोत्सव के निदेशक जितेंद्र मिश्रा के अलावा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्ति एवं युवा जूरी बोर्ड भी उपस्थित था, जहां बच्चों ने फिल्मों के चयन में जानकारी दी थी।

प्रौढ़ जूरी (फीचर फ़िलम्स) के तहत बच्चों की सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार रिमा दास द्वारा ग्राम रॉकस्टार को दिया गया, वहीं मार्क फितौस्सी द्वारा ‘मम्स रॉन्ग’ को सर्वश्रेष्ठ युवा फिल्म का अवॉर्ड दिया गया, जबकि माजिद एस्मेली पारसा को फिल्म ‘हैल्म्समैन’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला। समीर ओलिवरोस द्वारा निर्देशित ‘बैड लकी गोट’ को सर्वश्रेष्ठ कहानी के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए, बनीता दास ने फिल्म ‘ग्राम रॉकस्टार’ के लिए पुरस्कार जीता।

प्रौढ़ जूरी फीचर फिल्म के तहत: सर्वश्रेष्ठ बच्चों की फिल्म के लिए निकोलस लिगूओरी द्वारा निर्देशित ‘द विंड इन द रीड्स’ का पुरस्कार अर्नाड डेम्यॉंक ने जीता डेनियला कोफ्लर और उलि सिइस ने सर्वश्रेष्ठ युवा फिल्म का पुरस्कार जीती। सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए अहमद सालेह द्वारा ‘माई सेकंड आई’ ने पुरस्कार जीता, तो आईस कर्टल की ‘विकेड गर्ल’ ने विशेष संदेश के लिए पुरस्कार जीता। बच्चों की जूरी श्रेणी के तहत विजेताओं में आना चुबिनिडेज़ द्वारा निर्देशित ‘पॉकेट मैन’ ने सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का पुरस्कार जीता, तो रुक्शाना तबासियम द्वारा निर्देशित ‘द केक स्टोरी’ ने विशेष उल्लेख (निर्देशन के लिए) का पुरस्कार जीता जीता। जूरी श्रेणी के तहत विजेताओं के तौर पर सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए इमील संततके द्वारा निर्देशित ‘फ्लाइंग रैट्स’ का चयन किया गया, वहीं अहमद सालेह द्वारा ‘माई सेकंड आई’ ने स्पेशल मेंशन (निर्देशन के लिए) का पुरस्कार जीता।

इस महोत्सव के निदेशक जितेंद्र मिश्रा ने कहा, स्माइल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल फॉर चिल्ड्रन एंड यूथ हर साल फिल्म स्क्रीनिंग के अलावा, हमारे बच्चों और युवाओं को संलग्न करने, शिक्षित करने और सशक्त बनाने के उद्देश्य से फिल्म बनाने की कार्यशालाओं का आयोजन करती है। उन्होंने कहा, सिफ्सी ‘टेक वन’ नामक एक विशेष खंड में विभिन्न कार्यशालाओं का आयोजन करता है। इस साल इस कार्यशाला का आयोजन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित ब्रिटेन के संगठन- ‘फिल्म्स विदाउट बॉर्डर्स’ के द्वारा किया गया, जिसका उद्देश्य फिल्म निर्माण के लिए बच्चों को प्रेरित करना और शिक्षित करना है।

स्माइल फाउंडेशन के कार्यकारी ट्रस्टी और स्माइल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल फॉर चिल्ड्रेन एंड यूथ के अध्यक्ष शांतनु मिश्रा ने कहा, बच्चे और युवा किसी भी देश का भविष्य होते हैं। अगर वे शुरुआत से ही संवेदनशील हों, तो वे बदलाव के सबसे अच्छे दूत हो सकते हैं, चाहें उनके अपने परिवार की बात हो या जिस समुदाय में वे रहते हों। लेकिन दुर्भाग्य से, आज की दुनिया में, युवाओं की प्राकृतिक चीजों के प्रति सहानुभूति में तेजी से कमी आ रही है। उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य बच्चों और युवाओं को जानकारी और मनोरंजन (इंफोटेनमेंट) के माध्यम से समझाना और उनके मन में स्थायी प्रभाव पैदा करना है।

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