किसान पराली ना जलाए, पराली अवशेष को पशु चारा बनाने या धरती की उर्वरक शक्ति बढ़ाने में करें प्रयोग: उपायुक्त जितेंद्र यादव

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फरीदाबाद,17 नवम्बर। उपायुक्त जितेंद्र यादव ने कहा कि पराली जलाना कानूनी अपराध है। उन्होंने कहा एनसीआर क्षेत्र में पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा के मद्देनजर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भी सख्त हिदायतें जारी की गई है।

उपायुक्त ने कहा कि पर्यावरण में किसान पराली जलाकर कानून का उलंघन करता है, तो ऐसा करने वाले किसानों के खिलाफ कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी नियमानुसार कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

उन्होंने कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे जिला मे पराली और धान फसल के अवशेष के प्रबंधन बारे किसानों को जागरूक करें।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप-निदेशक डाँ. महाबीर सिंह ने कहा कि फसल अवशेष प्रबन्धन योजना के अन्तर्गत वर्तमान चालू वित वर्ष में जिला में किसानो ने 09 जीरो टिलेज मशीन, 07 सूपर सीडर मशीने अनुदान राशि पर खरीदी है।

जिला में कस्टम हायरिंग सेन्टर गांव छायंसा, दयालपुर, गसकौला, फतेहपुर बिल्लौच में है। जहाँ सूपर सीडर, स्ट्रा चौपर, स्ट्रा रीपर, जीरो ड्रील मशीन, सब मास्टर मल्चर आदि मशीनरी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि जिला के किसान इन कृषि यत्रो का उपयोग कर फसल अवशेषो का बेहतर प्रबन्धन कर सकते है। जिससे चारे के साथ- साथ भूमि की उपजाऊ शक्ति मी बडाई जा सकती है और फसल अवशेषो का उचित प्रबन्धन पर्यावरण को भी स्वच्छ रखेगा।

डाँ महाबीर सिंह ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग का लक्ष्य पूर्ण रूप से फसल अवशेष को न जलने देने का है। जिसके लिए किसानों का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जिला के किसान इस योजना का भरपूर फायदे ले। जिला में एक भी फसल अवशेष न जलाए न जलाने दे। उन्होंने कहा कि मशीनरी से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी के लिए किसान भाई कृषि विकास अधिकारी (एफआई) श्याम सुन्दर से व्यक्तिगत तौर पर और मोबाईल न0 7015118232 से सम्पर्क करें।

 

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