‘टेक्नोलॉजिकल इंडस्ट्रियल प्रैक्टिसेज’ पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू

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Faridabad News, 02 June 2020 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ‘टेक्नोलॉजिकल इंडस्ट्रियल प्रैक्टिसेज’ विषय पर एक सप्ताह तक चलने वाले टीईक्यूआईपी प्रायोजित आनलाइन फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है। राजकीय इंजीनियरिंग कालेज, अंबेडकर नगर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में 9 राज्यों के 200 से अधिक प्रतिभागी कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।

कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने किया तथा शिक्षकों एवं शोधकर्ताओं के तकनीकी कौशल तथा शिक्षण गुणवत्ता को बढ़ाने केे लिए कार्यक्रम आयोजित करने पर विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर उद्योगों के साथ शिक्षकों एवं विद्यार्थियों का संवाद समिति हो गया है, जोकि इंजीनियरिंग क्षेत्र में अकादमिक कार्यक्रमों के लिए बेहद जरूरी है। ऐसी स्थिति में उद्योग जगत से विशेषज्ञ वक्ताओं का आमंत्रित कर शिक्षकोें एवं विद्यार्थियों के ज्ञानवर्धन के लिए नवीनतम तकनीकी अभ्यासों को लेकर अहम जानकारी प्रदान करना सराहनीय पहल है।

सत्र के मुख्य वक्ता जे.के. सीमेंट लिमिटेड जोनल के हेड (नोर्थ) श्री आर.के. झा ने भी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के साथ औद्योगिक संवाद के लिए मंच प्रदान करने पर विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कचरे के सही प्रबंधन द्वारा धन जुटाने के अवसरों पर भी चर्चा की और देश में अधिक से अधिक रीसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भवन निर्माण और तोड़ने के कार्य में कचरे को कम करने और इसे उपयोगी बनाकर अवसरों का लाभ उठाने की तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य से कचरे को उपयोगी बनाकर स्थानीय घरेलू उद्योग को मजबूत किया जा सकता है और इससे आत्म निर्भर भारत मिशन को भी सहयोग मिलेगा।

कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग ने प्रतिभागियों को कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया तथा कहा कि कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सिविल, मैकेनिकल और ऑटोमेशन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में हो रही विभिन्न प्रकार की तकनीकी विकास की जानकारी मिलेगी। उन्होंने विभिन्न उद्योगों से प्रमुख वक्ताओं को आमंत्रित कर कार्यक्रम के सत्रों को और अधिक सार्थक बनाने पर प्रसन्नता जताई।

इससे पहले, सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डॉ. एम. एल. अग्रवाल ने कार्यक्रम में अतिथि वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी और कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योग-अकादमिक संपर्क को विकसित करना और शिक्षण और अध्ययन की गुणवत्ता को और बेहतर बनाना है। उद्घाटन सत्र के अंत में कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. विशाल पुरी ने सभी अतिथि वक्ताओं का आभार जताया।

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