जीवन में चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्तम मार्गदर्शन की अत्यंत आवश्यकता : साध्वी डॉ. शिवानी भारती

0
654
Spread the love
Spread the love

New Delhi News, 31st March 2021 : जीवन में विभिन्न प्रकार के कर्तव्यों को पूर्ण करते हुए व्यक्ति को कई प्रकार की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है ऐसे में उत्तम मार्गदर्शन की बहुत आवश्यकता होती है। छात्र जीवन भी चुनौतियों ,परीक्षाओं एवं अवसरों से परिपूर्ण होता है ऐसे में यह अति आवश्यक है कि छात्रों का समय-समय पर उत्तम विचारों के द्वारा उचित मार्गदर्शन किया जाये जिससे लाभ लेकर छात्र अपने लक्ष्य की ओर दृढ़ता से आगे बढ़ सके एवं एक सकारात्मक सोच को अपने जीवन में लागू कर सके। छात्रों का आध्यात्मिक एवं सामाजिक स्तर पर पथ प्रदर्शन करने एवं उन्हें उचित मार्गदर्शन देने हेतु मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र ने 27 मार्च 2021 को अपने छात्रों के लिए एक विशेष वेबिनार का आयोजन किया, जिसका विषय था- नींव- “A Spiritual connect “।

कार्यक्रम की अध्यक्षता साध्वी डॉक्टर शिवानी भारती जी ने की। साध्वी जी ने कंप्यूटर से सम्बंधित “GIGO- गार्बेज इन गार्बेज आउट ” सिद्धांत का वर्णन किया तथा “3H” फार्मूला को समझाते हुए जीवन में “head, heart & hand” के महत्व की उल्लेखना की। उन्होंने बताया की head जो की हमारे सम्पूर्ण शरीर का नियंत्रण केंद्र है उसका स्वयं का नियंत्रित व ज्ञान से सिंचित होना अनिवार्य है। इसी सन्दर्भ में साध्वी जी ने सर्व श्री आशुतोष जी महाराज जी द्वारा उल्लेखित दिव्य प्रेरणाओं को सांझा करते हुए जीवन में ब्रह्मज्ञान द्वारा मानव से महामानव बनने की विचार धारा को व्यक्त किया। आगे साध्वी जी ने बताया कि गुरु रूपी रेडियो स्टेशन से साधना रूपी तरंगो की मदद से जुड़ा जा सकता है तथा इस प्रक्रिया में व्यक्ति के उच्त्तम व्यक्तित्व का निर्माण होता है जिससे व्यक्ति जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता अर्जित करता है। इसी श्रृंखला में त्रिमूर्तियों का उदहारण देते हुए साध्वी जी ने मानव मन (heart) द्वारा उत्तम प्रेरणाओं को ग्रहण करने की शक्ति पर बल दिया। आगे “Hand” का उल्लेख करते हुए साध्वी जी ने जीवन में दूसरों की सहायता करने का महत्व बताया तथा छात्रों को अपने प्रयासों द्वारा समाज के कार्यों में योगदान के लिए प्रेरित करने हेतु स्वामी विवेकानंद ,सर अरबिंदो एवं चन्द्रगुप्त मौर्य का उदाहरण दिया गया एवं उनके द्वारा किये गए योगदान के विषय में चर्चा की गयी। अंत में फायरप्लेस का उदाहरण देते हुए इस बात पर जोर दिया गया कि व्यक्ति के सिर्फ कहने मात्र से कार्य संपन्न नहीं होता बल्कि कार्य को संपन्न करने के लिए उचित समय पर उचित निवेश की आवश्यकता होती है। सभी छात्र साधना रुपी खड़ग द्वारा गुरु से जुड़े एवं एक उच्त्तम व्यक्तित्व का निर्माण कर जीवन के हर क्ष्रेत्र में विजयी बनने की भावना को व्यक्त करते हुए कार्यक्रम को विराम दिया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here