सीपीएम की जिला कमेटी के कार्यकर्ताओं ने लघु सचिवालय के समक्ष किया जोरदार प्रदर्शन

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Faridabad News, 16 june 2020 : सीपीएम की जिला कमेटी फरीदाबाद के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत आज मंगलवार को लघु सचिवालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। और देश के महामहिम राष्ट्रपति के नाम 16 सूत्री मांगों का ज्ञापन डीडीपीओ श्री राजेश मोर को सौंपा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सीपीआईएम के कार्यकर्ता सेक्टर 12 में राजस्थान भवन के सामने एकत्रित हुए यहां से नारे लगाते हुए उपायुक्त कार्यालय के समक्ष पहुंचे। कार्यकर्ता भाषण नहीं राशन दो, बेरोजगारी पर रोक लगाओ, संपूर्ण तालाबंदी की अवधि का वेतन मजदूरों को देने के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व सीपीएम के जिला सचिव शिवप्रसाद ने किया। इस मौके पर सीपीएम के जिला कमेटी सदस्य निरंतर पाराशर ,लालबाबू शर्मा, वीरेंद्र सिंह डंगवाल, और नवल सिंह विशेष रुप से उपस्थित थे।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए जिला कमेटी सदस्य वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हो गया। परंतु सरकार ने विगत 1 वर्षों में जनहित के कोई काम नहीं किए।एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में जो उपलब्धियों का मिथ्या प्रचार हो रहा है। वह सच्चाई से परे है जबकि सच्चाई इसके बिल्कुल विपरित है। इसी समय जारी हुए पिछले एक साल में विकास दर के सरकारी आंकड़े गवाह हैं। कि मोदी सरकार की नीतियों के परिणामस्वरूप देश की अर्थव्यवस्था चैपट हुई है।इसका खामियाजा देश की जनता भुगत रही है।

कोरोना महामारी के समय देश की बहुमत जनता के जीवन को बर्बादी के कगार पर छोड़ दिया गया है। सरकार बिना सोचे समझे अमानवीय ढ़ंग से काम कर रही है। बिना किसी पूर्व तैयारी एवं योजना के अचानक चार घंटे के नोटिस पर थोपे गए लाॅकडाउन ने जनता के विशाल हिस्से को पीड़ा पहुंचाई है। प्रवासी भारतीयों की दुर्दशा असहनीय थी।जो लगातार मुसीबतों का सामना करते हुए भूख-प्यासे, थकावट और दुर्घटनाओं के कारण अपनी जान गंवा रहे थे। सरकार ने लाॅकडाउन महामारी से निपटने के लिए न तो अपनी क्षमता को मजबूत किया है और न ही इसने लोगों को इन परिस्थितियों में जीवित रहने के लिए कोई आवश्यक राहतें प्रदान की है।

सीपीआईएम ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज महज झूठ के अलावा और कुछ नहीं है। किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, छोटे कारोबारी एवं उद्योग धंधे बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। युवाओं को बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ रही है। उपर से महामारी की स्थिति में मोदी सरकार देश में तानाशाही थोपने की ताबड़तोड़ कोशिश कर रही है।इस तरह से जनता की परेशानियां कम नहीं होंगी। महंगाई लगातार बढ़ रही है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली लगभग समाप्त कर दी गई है बीपीएल और एपीएल कार्ड धारकों को तक लॉक डाउन में राशन नहीं मिला ऐसे में आज के प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से निम्नलिखित मांगों को लागू करने की अपील की जाती है।

1. आयकर ना भरने की श्रेणी में आने वाले सभी परिवारों को छह महीने की अवधि के लिए 7500 रुपये प्रति माह का नकद हस्तांतरण किया जाए।

2. छह महीने की अवधि के लिए प्रति महीना, प्रति व्यक्ति 10 किलो खाद्यान्न का मुफ्त वितरण किया जाए।

3. फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल स्थानों तक पंहुचाने के लिए तुरंत भोजन और पानी के साथ मुफ्त परिवहन के साधन प्रदान किए जाएं ।

4. मनरेगा के तहत न्यूनतम 200 दिन का रोजगार बढ़ी हुई मजदूरी के साथ सुनिश्चित किया जाए।

5.शहरी गरीबों के लिए रोजगार गारंटी योजना का विस्तार किया जाए।

6. पैट्रोल, डीजल पर टैक्सों की बढ़ौतरी वापिस ली जाएं।

7. राज्य में बढ़ाए गए बस भाड़े वापिस हों।

8. राज्य में किसानों की फसल बर्बादी के मुआवजे तथा फसल खरीद का तुरंत भुगतान किया जाए।

9. दुकानदारों, सुक्ष्म एवं छोटे उद्योगों एवं कारोबारियों का लाॅकडाउन के समय के बिजली के बिल माफ किए जाएं।

10. सीएए, एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर करने वालों के विरुद्ध बनाए गए झूठे मुकदमे वापस लिए जाएं।

11. स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जाए। इस में कार्यरत ठेके के कर्मचारियों को नौकरी से नहीं हटाया जाए।

12. राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल टैक्स की वसूली बंद की जाए।

13. श्रम कानूनों में किए गए संशोधन वापस लिए जाएं। 8 घंटे की जगह 12 घंटे के काम करने के आदेश को निरस्त किया जाए।

14. जरूरी वस्तुओं की जमाखोरी पर रोक लगाई जाए। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत किया जाए।

15. सरकारी विभागों के निजीकरण पर रोक लगाई जाए।

16. निजी स्कूलों के प्रबंधकों द्वारा छात्रों से की जा रही जबरन फीस वसूली रोकी जाए। वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि स्थानीय समस्याओं को लेकर अलग ज्ञापन भी दिया गया। जिसमें पर्वतीय कॉलोनी डबुआ कॉलोनी, संजय कॉलोनी, गोची, जीवननगर में शुद्ध पानी की आपूर्ति करने, नई सीवर लाइन बिछाने, जलभराव की समस्या से छुटकारा देने, एवम् सड़कों की मेंटेनेंस करना आदि मुख्य हैं। सीपीआईएम ने लघु सचिवालय के समक्ष अपनी सेवाओं की बहाली के लिए भूख हड़ताल पर बैठे पी टी आई शिक्षकों के आंदोलन का भी समर्थन किया। उन्होंने सरकार से 1983 शिक्षकों को ड्यूटी पर लेने की पुरजोर मांग की।

आज के प्रदर्शन को किसान सभा के नेता नवल सिंह ,महेश द्विवेदी,रामसागर गुप्ता ने भी संबोधित किया।

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