हरियाणा की राजनीति में धुरंधर मंत्रियों की दोस्ती तो हो गई, मगर कड़वाहट अभी बाकि है

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Faridabad News : हरियाणा की राजनीति में धूम मचाने वाले फरीदाबाद के दोनों कद्दावर नेताओं में बेशक दोस्ती हो गई हो, लेकिन उनके समर्थकों के मन में कड़वाहड़ अभी दिखाई दे रही है। हालांकि भाजपा हाईकमान के सख्त रवैये के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर एवं हरियाणा के उद्योगमंत्री विपुल गोयल को कई साल पुरानी अपनी दुश्मनी को भुलाकर दोस्ती के सूत्र में बंधना पड़ा है। माना जा रहा है कि प्रदेश की राजनीति में एकता का संदेश देने के लिए भाजपा हाईकमान को दोनों मंत्रियों को दोस्ती करने के लिए कहा गया है। गुरूग्राम नगर निगम चुनाव में भाजपा को सीनियर डिप्टी मेयर की कुर्सी गंवाने के बाद यह महसूस हुआ कि नेताओं के आपसी विवाद की वजह से भाजपा को नुक्सान उठाना पड़ रहा है। गुरूग्राम में भाजपा के पास पूर्ण बहुमत होने के बावजूद केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत एवं प्रदेश के मंत्री राव नरवीर की आपसी लड़ाई की वजह से सीनियर डिप्टी मेयर की कुर्सी गंवानी पड़ी है।

जोकि कांग्रेस के खाते में चली गई। इस राजनैतिक हादसे से भाजपा हाईकमान को काफी कष्ट झेलना पड़ा है। ठीक यही स्थिति गुरूग्राम के साथ साथ फरीदाबाद में भी है। फरीदाबाद में केंद्रीय मंत्री श्री गुर्जर व कैबिनेट मंत्री श्री गोयल के बीच कई सालों से कड़वाहट व आपसी दुश्मनी को माहौल है। इससे भाजपा में खींचातान चली आ रही है। कहीं यह खींचातान पार्टी के लिए कोई बड़ी मुसीबत ना बन जाए, इसलिए इन दोनों नेताओं को भी दोस्ती करने की हिदायत दी गई है। लेकिन वहीं दूसरी ओर इन दोनों नेताओं के समर्थकों में इस दोस्ती से खुशी तो देखी जा रही है, मगर उनमें यह शंका भी है कि आखिर जबरदस्ती वाली इस दोस्ती की मियांद कब तक होगी।

फरीदाबाद का भला चाहने वाले लोग इस दोस्ती के पक्ष में हैं, मगर इन दोनों के कई समर्थक इस दोस्ती को पचा नहीं पा रहे हैं। उनका मानना है कि जब एक बार जब धागा टूट जाता है तो उसमें गांठ पड़ जाती है। जोकि आजीवन गांठ ही रहती है। देखना अब यह है कि आखिरकार दोनों नेताओं की यह दोस्ती भविष्य में क्या गुल खिलाती है।

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