यूनिवर्सल अस्पताल ने पुलिस कर्मियों को दी बेसिक लाईफ सपोर्ट ट्रैंनिंग

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Faridabad News : यूनिवर्सल अस्पताल तथा यूनिवर्सल केयर एम्बुलेंस के माध्यम से आपातकालीन स्थिति के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए तथा जीवन रक्षक (बेसिक लाईफ सपोर्ट) प्रशिक्षण के लिए पुलिस कर्मियों के लिए ट्रेनिंग दिनांक 21 अप्रैल 2018 दिन शनिवार सायं 4.00 से 6.00 बजे तक बदरपुर थाने में सिखाई गयी। इस अवसर पर श्री सुधांशु धामा आईपीएस, एवं एसएचओ श्री अजय सिंह भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

डा. जैन ने बताया कि मरीजों को निकटतम अस्पताल ले जाने से पहले आपातकाल के समय किया गया इलाज मरीज की जान बचाने में मदद करेगा। डॉ शैलेश जैन ने कहा की प्रशिक्षण कार्यक्रम को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के हिस्से के रूप मे आयोजित किया जा रहा है प्राप्त प्रशिक्षिण में एक प्रमाण पत्र दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि अस्पताल पहले से हरियाणा पुलिस और अग्निशमन कर्मियों को बेसिक लाइफ सपोर्ट में प्रशिक्षित किया गया जा चुका है।

डॉ शैलेश जैन ने कहा की अगर मरीज की साँस रुक गई हो तो किस तरीके से मरीज को कृत्रिम साँस दी जा सकती है। पुलिस तथा अफसरो को बेसिक लाइफ सपोर्ट ट्रेनिंग देने की बीड़ा उठाया है। अगर मरीज बेहोश है तो उसको इस तरीके से इस अवस्था के दौरान मरीज की सहायता की जा सकती है। इस तकनीक को आसानी से सीखा जा सकता है। अगर आपदा के वक्त इस तकनीक की सहायता ले तो मरीज को नया जीवन दान दिया जा सकता है डॉ शैलेश जैन के अनुसार एक चरण मे 25 .30 लोगो को ट्रैंनिंग दी जाएगी । उन्होनेे वताया की अगर इस तकनीक को लोग अगर सीख ले तो 60 फीसद मरीज की जान बचाई जा सकती है। यह तकनीक यूनिवर्सल अस्पताल में भी सिखाई जाती है। यूनिवर्सल हॉस्पिटल इसका सर्टिफिकेट भी उपलब्ध करता है।

इस अवसर पर अस्पताल के प्रबंध निदेशक शैलेश जैन ने कहा की इस कार्यक्रम में बदरपुर पुलिस कर्मियों को मुफ्त प्रशिक्षिण प्रदान किया गया। उन्होंन बताया कि यूनिवर्सल केयर एम्बुलेंस के द्वारा हिंदुस्तान मे कही भी कभी भी एम्बुलेंस 8800128128 पर फ़ोन कर कर मंगाई जा सकती है बेसिक लाइफ सपोर्ट टै्रनिंग में उनके साथश्री सुधांशु धामा तथा श्री अजय सिंह भी ट्रेनिंग में उपस्थित रहेंगे।

1.मरीज को उठाने की काशिश करें:
जब आप किसी व्यक्ति को अचानक आपात स्थिति में मिलते हैंए तो आपको पीडि़त को जागने करने का प्रयास करना चाहिए। यदि पीडि़त साँस नहीं ले रहा हैए तो तत्काल एम्बुलेंस कॉल पैन इंडिया के लिए फोन: 8800128128 से संपर्क करें।

2. छाती दवाने शुरू करें .
अपनी पहली इंटरलॉकिंग उंगलियों से छाती पर अपना हाथ रखें और फिर 100 पम्प की दर से लगभग दो इंच तक छाती को नीचे दबाएं। छाती को कम से कम 100 मिनट प्रति मिनट धकेलना शुरू करें याद रखेंए आपको इस दर पर एक वार मे 30 संपीडऩ करने की आवश्यकता है।

3. बचाव शुरू करें .
मरीज के वायुमार्ग को खोलने के लिए सिर.झुकावए ठोड़ी.लिफ्ट विधि का उपयोग करें। अब मरीज की नाक को दबाए और अपने मुंह से अपने मुंह पर लगाओ। यदि उपलब्ध होए तो आप एक सीपीआर मुखौटा का उपयोग कर सकते हैं।
छाती को बनाए रखने के लिए मरीज को पर्याप्त श्वास दे। सांस ना आने तक एक बार फिर से बचाव की प्रक्रिया को दोहराएं।

4.छाती दवना और बचाव श्वास दोहराएँ।
30 वार छाती दवना इसी तरह आप पहले भी कर चुके थे और आपको पहले की प्रक्रिया की तरह ही दो सांस दीजिए हैं।

डा. शैलैश जैन
प्रबंध निदेशक
यूनिवर्सल अस्पताल

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