जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में कामकाजी युवाओं के लिए दो वर्षीय एमबीए : एग्जीक्यूटिव पाठ्यक्रम

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Faridabad News, 02 Aug 2019 : यदि आप नौकरीपेशा है और अपने रोजगार के साथ-साथ करियर को बेहतर बनाने के लिए उच्चतर शिक्षा को जारी रखना चाहते है तो जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा शुरू किया गया एमबीए – एग्जीक्यूटिव पाठ्यक्रम आपके लिए एक अच्छा अवसर है। विश्वविद्यालय द्वारा कामकाजी पेशेवर युवाओं से दो वर्षीय एमबीए – एग्जीक्यूटिव पाठ्यक्म में दाखिले के लिए आनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गये है। दाखिले के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 5 अगस्त है। इस पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले युवाओं के लिए कक्षाएं सप्ताहांत अर्थात् शनिवार एवं रविवार को लगेंगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रबंधन अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डाॅ. आशुतोष निगम ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा प्रबंधन में दो नियमित पाठ्यक्रम चलाये जा रहे है, जिनमें पहला पाठ्यक्रम फाइनेंस, ह्यूमन रिसोस तथा मार्केटिंग मैनेजमेंट में एमबीए है तथा दूसरा पाठ्यक्रम रिटेल मैनेजमेंट, इंटरनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट, फाइनेंशियल मैनेजमेंट तथा मार्केटिंग मैनेजमेंट में एमबीए शामिल है। इसके अलावा, विभाग द्वारा विगत वर्ष बीबीए भी शुरू की गई है। डाॅ. निगम ने बताया कि विभाग द्वारा संचालित एमबीए के दोनों पाठ्यक्रमों में 60-60 सीटों का प्रावधान है। दोनों ही पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों के अच्छे रूझान को देखते हुए विश्वविद्यालय ने कामकाजी पेशेवर युवाओं के लिए भी एमबीए – एग्जीक्यूटिव शुरू करने का निर्णय लिया है।

डाॅ. निगम ने बताया कि एमबीए – एग्जीक्यूटिव पाठ्यक्रम शुरू करने को लेकर विद्यार्थियों द्वारा भी मांग की जा रही थी। यह महसूस किया गया कि विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट होने वाले विद्यार्थियों की अच्छी प्लेसमेंट होने पर रोजगार के कारण उनका आगे पढ़ाई जारी रखना मुश्किल होता है लेकिन एक बेहतर करियर के लिए उच्चतर शिक्षा जरूरी है। एमबीए – एग्जीक्यूटिव से ऐसे युवाओं को उच्चतर शिक्षा जारी रखने का अवसर मिलेगा क्योंकि इसके अंतर्गत कक्षाएं शनिवार तथा रविवार को लगाई जायेंगी।

उन्होंने बताया कि फाइनेंस, ह्यूमन रिसोस तथा मार्केटिंग मैनेजमेंट की विशेषज्ञता के साथ शुरू किये गये एमबीए – एग्जीक्यूटिव पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए न्यूनतम योग्यता किसी भी विषय में 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक है। इसके अलावा, अभ्यार्थी के पास स्नातक के बाद एक वर्ष का कार्य अनुभव होना भी अनिवार्य है। पाठ्यक्रम को 60 सीटों के साथ शुरू किया जा रहा है, जिसमें आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थियों को राज्य सरकार के नियमानुसार आरक्षण एवं छूट का लाभ प्रदान किया जायेगा। डाॅ. निगम ने बताया कि पाठ्यक्रम में दाखिला के लिए 50 प्रतिशत वरीयता स्नातक अंकों को तथा 50 प्रतिशत अनुभव को दी जायेगी। दाखिला लेने के लिए अभ्यार्थी को नियोक्ता द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

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