हरियाणा दिवस पर प्रदेश को मिला ‘वाटरमैन ऑफ इंडिया’, HSPA के गठन हुई घोषणा

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Chandigarh News : 52वें हरियाणा दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ‘हरियाणा राज्य तालाब प्राधिकरण’ के गठन की घोषणा की। जिसके तहत राज्य के करीब 14000 तालाबों के पानी को साफ करके सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाएगा।

कौन है ‘वाटरमैन ऑफ इंडिया’
दरअसल 52वें हरियाणा दिवस के मौके पर जल संरक्षण के लिए बुधवार को चंडीगढ़ में हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग तथा हरियाणा सिंचाई अनुसंधान एवं प्रबंधन संस्थान के तत्त्वाधान में ‘जल का सदुपयोग’ विषय पर राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। जल संरक्षण पर अतुलनीय कार्य करने वाले मैगसैसे पुरस्कार से सम्मानित राजेंद्र सिंह को ‘वाटरमैन ऑफ इंडिया’ की संज्ञा देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आज के सेमीनार में उनके विचार व अनुभव सांझा करने का अवसर मिला है जो हरियाणा में जल संरक्षण की दिशा में योजना बनाने में सहायक सिद्घ होंगे।

दिल्ली एनसीआर को पानी की किल्लत
मुख्यमंत्री ने किसानों की आमदनी दोगुना करने की सोच के अनुरूप सिंचाई के उपयोग के लिए 60 करोड़ रूपए की राशि खर्च करने की भी घोषणा की। हरियाणा दिवस की प्रदेश के लोगों को बधाई एवं शुभकामना देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर महीने एक नया सुधार कार्यक्रम करने की शुरूआत की घोषणा के तहत आज जल सदुपयोग के लिए प्राधिकरण का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूजल का भंडार सीमित मात्रा में है। दिल्ली व एनसीआर की करीब 4 करोड़ की जनसंख्या के पीने के पानी की आवश्यकता आज सरकारों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि भूजल रिचार्जिंग की अधिक से अधिक योजनाएं बनानी होंगी।

जल संरक्षण मिशन में सशोंधन
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवालिक क्षेत्र में 8-9 जगहों पर बरसात के अतिरिक्त पानी के भंडारण के लिए चैक-डैम बनाए जाएंगे और बाद में इस पानी का उपयोग सिंचाई एवं अन्य आवश्यकताओं के लिए प्रयोग किया जाएगा। इसी प्रकार अरावली क्षेत्र में भी योजनाएं बनें। जिनके माध्यम से भूजल रिचार्ज के साथ-साथ पर्यटन या अन्य क्षेत्र की योजनाओं को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि हर वर्ष जोहड़ों की खुदाई की दिशा में भी बढऩा होगा। इसलिए पानी को रि-साइकल करके इसका पुन: प्रयोग कर विकृति से संस्कृति की ओर बढऩे की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बड़ी नहरों की तलहटी में रेत निकालने का कार्य नियमित रूप से करना होगा। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2001 में जल संरक्षण मिशन को वर्तमान संदर्भ में संशोधन करके लागू करने के निर्देश दिए।

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