सेफजॉब का वर्चुअल ग्रुप डिस्कशन कॉम्पिटिशन ‘द ग्रिड’ मौजूदा समय में स्किल बेहतर करने पर देगा जोर

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New Delhi, 29 July 2020 : जॉब के लिए तैयार करने और प्लेसमेंट करवाने वाला देश का सबसे प्रीमियम ऑनलाइन प्लेटफॉर्म सेफजॉब अब भारत का पहला वर्चुअल ग्रुप डिस्कशन चैंपियनशिप – द ग्रेट इंडियन डिस्कशन या द ग्रिड आयोजित करने जा रहा है। दिल्ली यूनिवर्सिटी, गलगोटियाज यूनिवर्सिटी, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, आईटीएम यूनिवर्सिटी आदि जैसे प्रतिष्ठित संस्थान सहित 500 कॉलेजों के 3500 से ज्यादा छात्रों ने इस कॉम्पिटिशन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। बुद्धिमत्ता की इस लड़ाई में सबसे बेहतर प्रॉब्लम साल्वर और वक्ता कौन है, इसका निर्णय लेने के लिए सेफजॉब ने जानमानी कॉर्पोरेट फर्म जैसे सेफएक्सप्रेस, डेल्हीवरी, ब्रिटिश टेलीकॉम, क्रेमिका, मुटुथ फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, टीवीएस सप्लाई चेन लिमिटेड के साथ टाई-अप किया है।

चर्चा और बहस लंबे समय से भारत की परंपरा का हिस्सा रहे हैं और ग्रुप डिस्कशन किसी भी व्यक्ति की स्किल निखारने के लिए बेहतर विकल्प है। नियोक्ताओं को अक्सर क्रिटिकल थिंकिंग और एनालिटिकल क्षमता वाले उम्मीदवारों की आवश्यकता होती है और ग्रुप डिस्कशन में बेहतर होना छात्रों को अपने लक्ष्य तक पुहंचने के लिए जरूरी स्किल हासिल करने में मदद करता है। इस प्रकार की चैंपियनशिप के माध्यम से सेफजॉब का उद्देश्य देश के सभी हिस्से से युवाओं को ऐसे कठिन समय में स्किल बेहतर करने और जॉब के लिए तैयार होने में मदद करने के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराना है। ऑनलाइन लर्निंग के माध्यम से कई लोगों का जीवन बदल रहा है व करोड़ो लोगों के लिए उपलब्धता आसान हो रही है और सेफजॉब इस बदलाव में ग्रामीण क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है।

ग्रिड में हिस्सा लेने के अपने अनुभव पर बात करते हुए आंध्र प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले उत्साही युवा दिलीप रेड्‌डी कहते हैं कि “लॉकडाउन ने मेरे जीवन को काफी प्रभावित किया है और इस समय में द ग्रिड में का हिस्सा बनते हुए नए अवसरों के बारे में जानते हुए मैं काफी उत्सुक हुआ। इसमें उपयोगी जानकारियां मिलीं, जिसमें मुझे अपनी कम्युनिकेशन स्किल को बेहतर करने के बारे में विभिन्न नजरिए प्राप्त हुए, जिसस मुझे अपने आंत्रप्रेन्योर बनने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।”

ग्रिड के माध्यम से दिलीप जैसे कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को ग्रुप डिस्कशन में शामिल होने का मौका मिला है, ताकि वे लॉकडाउन में व्यर्थ हुए अपने समय को अवसर में बदल सकें और अपने कॅरिअर में इसकी भूमिका का लाभ ले सकें। त्रिची, तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली मालथी गणेशन कहती हैं कि “मैंने ग्रिड में देश के विभिन्न हिस्से के लोगों से कुछ नया सीखने की सोच के साथ भाग लिया था। इंटरनेट के माध्यम से मुझ जैसे छात्रों को द ग्रिड जैसे अवसर मिल रहे हैं, ताकि हम कम संसाधनों में कुछ बेहतर सीख सकें और अपने कॅरिअर और आत्मविश्वास को बेहतर बना सकें।”

चार स्तर की इस प्रतियोगिता में विभिन्न प्रकार के विषयों पर गहमा-गहम चर्चा देखने को मिली, जिसमें उम्मीदवारों ने पार्लियामेंट्री राउंड, जोनल राउंड, सेमी-फाइनल राउंड और फाइनल तक पहुंचने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा झोंक दी। उम्मीदवारों की क्षमता और विचारों को सामने लाने के लिए रोजमर्रा के प्रासंगिक विषयों पर ग्रुप डिस्कशन आयोजित किए गए। इसमें आत्मनिर्भर भारत स्कीम, डिप्रेशन के कारण और इसे कैसे टाला जा सकता है? फेसबुक व जियो डील-अच्छी या बुरी? कोविड-19 के बाद भारत में जीवन, भारतीय राजनीति में सोशल मीडिया की भूमिका, उच्च शिक्षा या स्किल, भारत के विकास में कौन ज्यादा उपयोगी है? आदि विषयों को शामिल किया गया। पहले चरण में 177 प्रतिस्पर्धियों से लेकर फाइनल में 4 प्रतिस्पर्धियों तक कुल 65 ग्रुप डिस्कशन आयोजित किए गए। प्रिलिम्स में जगह बनाने वाली सभी उम्मीदवारों में उनके प्रयासों के लिए इनाम दिया गया और उनकी इस उपलब्धि के लिए प्रोत्साहित किया गया। इसमें जॉब की तैयारी के लिए मास्टरक्लास जिसमें इंटरव्यू की तैयारी, रिज्यूम तैयार करने के लिए मेंटरशिप, सेफजॉब नेटवर्क के माध्यम से इंटरव्यू का मौका, इडस्ट्री में अनुभव के लिए इंटर्नशिप और फाइनल में विजेताओं को और उप-विजेताओं को प्राइज मनी शामिल है।

पैन इंडिया ग्रैंड फिनाले 4 जुलाई को आयोजित किया गया और इसके विडियोज को 1 लाख 70 हजार ऑनलाइन यूजर्स ने देखा है। फाइनल डिस्कशन के लिए ‘डिसेबिलिटी & इंक्लूशन’ विषय रखा गया था और इसमें जाने-माने डिसेबिलिटी राइट एक्टिविस्ट विरल मोदी भी शामिल हुए, जिन्होंने दिव्यांग लोगों के लिए रेलवे स्टेशन में ज्यादा सहूलियतें प्रदान करने के लिए कई प्रयास किए। इस अहम चर्चा की विजेता डीएवी कॉलेज की प्रियंका पा

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