डीएवी शताब्दी कॉलेज में राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

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Faridabad News, 19 Jan 2019 : डी.ए.वी. षताब्दी काॅलेज, फरीदाबाद में विज्ञान व कम्पयूटर विभागों द्वारा राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका विषय “Critique of Science & Technology: Social Implications” था।

सेमिनार का षुभारम्भ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर दिनेष कुमार अग्रवाल (वाइस चांसलर, जे. सी. बोस यूनीवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नालाॅजी, वाई. एम. सी. ए.) व प्राचार्य डा. सतीष आहूजा जी ने दीप प्रज्जवलित करके किया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर दिनेष कुमार अग्रवाल ने कहा कि सेमिनार का विषय आज के परिप्रेक्ष्य में बहुत ही प्रासंगिक है। विज्ञान व तकनीकी से हमारे जीवन व समाज का कोई भी पहलू अछूता नहीं है। उन्होनें कहा कि आने वाले समय में इंसानों में भी चिप लग जाएगी, जिससे लोगो की सुरक्षा में आसानी हो जाएगी। उन्होनें विज्ञान व तकनीक के युवा वर्ग पर पड़ रहे प्रभावों के बारे में बताते हुए कहा कि युवा वर्ग को जागरूक होने की आवष्यकता है।

प्राचार्य डा. सतीष आहूजा जी ने आये सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस सेमिनार को आयोजित करने का उद्देष्य विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में खोजे जा रहे नए आयामों से छात्रों को अवगत कराना है। काॅलेज का सदैव ही यह प्रयास रहता है कि समय समय पर छात्रों के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहें हैं। उन्होनें छात्रों को आइंसटाइन की तरह रिसर्च करने के लिए प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम की संयोजिका डा. सुनीति आहूजा जी ने कहा इस प्रकार के सेमिनार आयोजित करने का उद्देष्य छात्रों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है जिसके माध्यम से वे अपने विचारों का आदान प्रदान कर सके। उन्होनें कहा कि आज आवष्यकता है कि मोबाइल फोन की जगह हम लोगों को, रिष्तों को महत्व दें। सेमिनार में मुख्य वक्ता डा. आर. छात्रा (वैज्ञानिक आई. आई. टी., दिल्ली) ने सोषल मीडिया के प्रभावों के विषय पर विचार प्रकट किये। उन्होनें छात्रों को इंटरनेट व मोबाइल के दुष्प्रभावों के बारे में समझाते हुए कहा कि आज आवष्यकता है कि हम टेक्नालाॅजी का सही तरीके से उपयोग करे। प्रोंफेसर एस. के. चक्रवर्ती (पूर्व प्रो. व डीन एकेडमिक, एन. आई. टी. कुरूक्षेत्र) ने भौतिक विज्ञान के क्षेत्र से जुड़ी जानकारी दी। उन्होनें ‘‘नैनो टेक्नालाॅजी’’ के विषय पर छात्रों को जागरूक करते हुए, इस क्षेत्र में मिलने वाले रोजगार के अवसरों के बारे में बताया। उन्होनें छात्रों को रोचक तरीके से एटम की संरचना के विषय में भी बताया। डा. नसीब सिंह गिल (प्रोफेसर कम्पयूटर साइंस, एम. डी. यू., रोहतक) ने आई. टी. के क्षेत्र में हांे रहे बदलावों व उनके सामाजिक प्रभावों से छात्रों को अवगत कराया। उन्होनें साइबर सिक्यूरिटी, और आई. ओ. टी. से जुड़े तथ्यों के विषय में भी बताया।

सेमिनार के अंतिम सैषन में पैनल परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में डा. आर. एस. चिल्लर (प्रो. व एच. ओ. डी.- कम्पयूटर साइंस, एम. डी. यू., रोहतक), डा. वनीता सपरा (असिस्टेंट प्रो. केमेस्ट्री, पलवल) व डा. मनीषा गर्ग (असिस्टेंट प्रो., वाई. एम. सी. ए.,फरीदाबाद) ने भाग लिया। परिचर्चा में दो छात्र प्रतिनिधियों दीक्षा व कौषल ने भी भाग लिया।

परिचर्चा का प्रारंभ प्राचार्य डा.सतीष आहूजा ने ”innovation vs isolation” का सवाल उठाकर किया। डा. मनीषा गर्ग ने कहा कि आज अच्छे घरों व जगहों के छात्र भी टेक्नालाॅजी का नकारात्मक तरीके से प्रयोग कर रहे है। आज हमें सचेत होने की आवष्यकता है जिससे हम युवा वर्ग को सही दिषा प्रदान कर सकें। डा. आर. एस. चिल्लर ने कहा कि युवा वर्ग को टेक्नालाॅजी का प्रयोग अपनी ऊर्जा को सकारात्मक तरीके से बढ़ाने के लिए करना चाहिए। डा. वनीता सपरा ने कहा कि एटम इंसान की संरचना का महत्वपूर्ण अंग है रसायन हमारी दिनचर्या का भाग है। आज आवष्यकता है कि हम संतुलित तरीके से विज्ञान का प्रयोग करें।

परिचर्चा में सभी वक्ताओं ने इस विषय पर बल दिया की विज्ञान व तकनीकी का प्रयोग सकारात्मक तरीके से करना चाहिए। हर चीज के दोे पहलू होते है इसी प्रकार तकनीकी के क्षेत्र में हो रहे बदलावों के भी अच्छे बुरे दोनांे प्रभाव है। इसलिए समाज में सभी की यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वे सही पहलू का ही प्रयोग करें। सेमिनार में लगभग 200 छात्रों ने भाग लिया। सेमिनार के संयोजक डा. सतीष सलूजा (कोऑर्डिनेटर साइंस), डा. सुनीति आहूजा (कोऑर्डिनेटर कम्पयूटर साइंस) व डा. अंकुर अग्रवाल (एच. ओ. डी. साइंस) व ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी प्रिया कपूर व राजकुमारी रहें। कार्यकम के आयोजन में विज्ञान व कम्पयूटर विभाग के सभी टीचिंग व नाॅन टीचिंग स्टाफ का योगदान रहा।

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