डी.ए.वी शताब्दी कॉलेज में वास्तु व् ज्योतिष विज्ञान पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय

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Faridabad News, 21 April 2019 : डी.ए.वी शताब्दी कॉलेज , फरीदाबाद के सयुंक्त तत्ववाधान में सोसाइटी ऑफ वास्तु साइंस (रजिस्टर्ड) ने एक दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार का कॉलेज परिसर में आयोजन कराया। सेमिनार का विषय था -“आम जनता के लिए वास्तु विज्ञान “। इस राज्य स्तरीय संगोष्ठी के कोऔडिनेटर एवं कॉलेज प्राचार्य सतीश आहूजा , कार्यक्रम संयोजिका सुनीति आहूजा एवं संयोजक मुकेश बंसल और कार्यक्रम के सूत्रधार वास्तुविद विनोद कुमार शर्मा रहे ! इस राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन आम जनता को वास्तु विज्ञान से परिचित कराना और उन्हें यह बताना था कि वर्तमान परिवेश में वैदिक वास्तु के सिद्वान्तो का विज्ञान से क्या सम्बन्ध है और ये सिद्वान्त आज कल की परिस्थितियों में कितने प्रासंगिक और महत्वपूर्ण है ! इस सेमिनार में वीर चक्र अवार्डी एवं वास्तु विज्ञान सोसाइटी के चैयरमेन कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। वास्तु विज्ञान सोसाइटी के मुख्य सरंक्षक आर के त्यागी ने इस सेमिनार की अध्यक्षता की। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के वास्तु शास्त्रियों एवं ज्योतिष शास्त्रियों ने इस संगोष्ठी में अपने विचार प्रस्तुत किये। वास्तु विज्ञान से जुड़े विद्वान वास्तु शस्त्री विनोद कुमार शर्मा, वास्तु इंजीनियर हिमाँशु गर्ग, वास्तु विद सोम शर्मा और दिग्गज ज्योतिषाचार्य परशुराम वशिष्ठ , सुखविंदर सिंह , शालिनी और पुष्कर त्यागी सहित अनेक वक्ताओं ने ज्योतिष ,वास्तु और विज्ञान तीनो विषयो में शोध के माध्यम से अर्जित अपने अनुभवों को सभी के साथ साँझा किया।

वेद मंत्रो उच्चारण, शंखनाद, गणपति वंदना के साथ दीप प्रज्जवलन और डी.ए.वी गान से सेमिनार का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम के निर्देशक विनोद कुमार शर्मा ने समस्त उपस्थित गणमान्यों का मुख्य वक्ताओं से परिचय कराया। 15 वर्षो से समाज सेवा को समर्पित और सदा लोगो के बीच रहने वाले समाज सेवी धर्मवीर खटाना का विशिष्ट अतिथि के रूप में स्वागत किया गया।

एन.सी.आर रीजन के प्रमुख ज्योतिषाचार्यो में से एक, महर्षि की उपाधि से सम्मानित एवं डॉक्ट्रेट सुखविंदर सिंह ने बड़े ही सरल शब्दों में आम जनता को अपने दैनिक जीवन में ज्योतिषि विद्या का लाभ उठाने की कला समझाई। उन्होंने कहा कि ज्योतिष आध्यात्म की पहली सीढ़ी है। नकरात्मकता जैसी कोई चीज़ दुनिया में नहीं होती है। सृष्टि तीन शक्तियों राजसिक , तामसिक और सात्विक पर सदैव काम करती है। उन्होंने सलाह दी कि प्रत्येक मनुष्य को सदैव सुबह सूर्यौदय से पहले उठना चाहिए और सूर्य को जल देना चाहिए। इससे काया और माया दोनों ही जीवन में विद्मान रहेंगे क्योकि काया और माया सुख का कारण होता है, चर्चा और खर्चा नाश का कारण होता है।

इंजीनियर एवं वास्तुविद हिमांशु गर्ग ने बड़ी विदवता से सभी दिशाओ का हमारे जीवन में महत्व समझाया। उन्होंने उन्नति के लिए उत्तर पूर्व दिशा और आपसी सम्ब्न्धो में स्थायित्व लाने के लिए दक्षिण पश्चिम दिशा का विशेष महत्त्व बताया। ज्योतिषाचार्यो शालिनी और पुष्कर त्यागी ने अपने -अपने वक्तव्यों में ज्योतिष विद्या क़ो विज्ञान और वास्तु से जोड़ते हुए उनके आपसी संबंधो पर प्रकाश डाला। शालिनी ने बताया कि हरियाली से सदा सकारात्मकता आती है और गंदगी से नकारात्मकता आती है। साथ ही उन्होंने सूर्य क़ो जल देने की उचित विधि से सभी क़ो परिचित कराया। दिव्य चैनल में प्रमुखता से आने वाले ज्योतिष शास्त्री पुष्कर त्यागी ने बताया कि यदि हम अपने जीवन में ज्योतिष क़ो अपनाते है तो हमे वास्तु क़ो भी अपनाना पड़ेगा क्योकि बिना वास्तु के ज्योतिष विद्या प्रभावी नहीं होती है।

मुख्य अतिथी कर्नल त्यागी ने कहा कि पुरातन समय से यह प्रथा चली आ रही है कि घर की संरचना करने में गोल्डन रेश्यो 1 :1 .618 होना चाहिए और वास्तुविद की इस सूत्र धारा से वर्तमान में भी सभी संरचनाओं और इमारतों क़ो निर्मित किया जा रहा है।

समारोह के अध्यक्ष एवं प्रसिद्द आर .के त्यागी जिन्हे भारत सरकार से पिछले 15 वर्षो से लगातार एक्सपोर्ट अवार्ड से समान्नित किया जा रहा है, ने देश के साथ -साथ विदेशो में भी इस वैदिक वास्तु विद्या को पहुंचाया है। वास्तुविद सोम शर्मा ने जोर देते हुए कहा कि नासा के वैज्ञानिको ने भी माना कि बिना संस्कृत भाषा के ज्ञान के एवं बिना ज्योतिष ज्ञान के ग्रहो का ज्ञान, उनकी दिशा क़ो पहचाना असंभव है। उनका यह मानना है कि ज्योतिष, वास्तु और विज्ञानं आपस में एक दूसरे से अत्यंत गहनता से जुड़े है।

कार्यक्रम के सूत्रधार विनोद कुमार शर्मा ने बड़ी सहजता से हमारे दैनिक जीवन चर्या में वास्तु शास्त्र के महत्व को बताते हुए उनको हमारी दैनिक समस्याओ को दूर करने में अपनाने का अहम सुझाव दिया और यह कहा कि वास्तु विद्या और ज्योतिष विद्या के आपसी सामंजस्य से सामान्य जनता अपनी सारी परेशानियों से छुटकारा पा सकती है।

अंत में सतीश आहूजा ने कहा कि जीवन में हर समस्या का एक ही समाधान है और वह है -मनुष्य को सदा हर हाल में प्रसन्न रहना चाहिए। समस्याएं मनुष्य को मजबूत बनाती है अत: हमे सदैव कर्म करना चाहिए , सेवा करते रहना चाहिए और फल ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए। एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना रख कर सभी परिस्थितियों क़ो ईश्वर की इच्छा मानकर सकारात्मकता के साथ अपनाना चाहिए।

सेमिनार के द्वितीय सत्र में सभी वक्ताओं ने उपस्थित दर्शको के प्रश्नो का उत्तर देते हुए उनकी समस्याओं का सरलता पूर्वक समाधान करते हुए बहुमूल्य सुझाव दिए। उन्होंने अपने उत्तरो से सामान्य जनता की जिज्ञासाओं को शांत किया ! कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए निकट भविष्य में फरीदाबाद में डी.ए.वी शताब्दी कॉलेज में इसी विषय पर राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी आयोजित करने का प्रस्ताव स्वीकार किया गया। कार्यक्रम संयोजक मुकेश बंसल ने अंत में वोट ऑफ़ थैंक्स देते हुए सभी अतिथियों, शिक्षकों एवं छात्रों का धन्यवाद किया।

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