मदर ग्रुप की कार्यकर्ताओं ने बकाया वेतन ना मिलने के कारण किया जोरदार प्रदर्शन

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Faridabad News, 13 July 2020 : मदर ग्रुप की कार्यकर्ताओं ने आज सोमवार को प्रोग्राम अधिकारी के सेक्टर 16 स्थित कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। जमकर नारे लगाए। कार्यकर्ता पिछले बकाया वेतन का भुगतान करो, भविष्य में मदर ग्रुप के खातों में धन राशि हस्तांतरित करो के नारे लगा रहे थे। प्रोग्राम अधिकारी की कार्यप्रणाली से नाराज मदर ग्रुप कार्यकर्ताओं ने उनके साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। इस अवसर पर सीटू के उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि प्रोग्राम अधिकारी का कार्यालय जानबूझकर मदर ग्रुप की समस्याओं का निदान नहीं करना चाहता है। जबकि सरकार ने 21नवंबर 2018 को तत्कालीन महिला और बाल विकास मंत्री हरियाणा सरकार के साथ यूनियन शिष्ट मंडल की बैठक में लिए गए निर्णय का पत्र जारी किया था। इस पत्र में 15 सूत्री मांगों पर सहमति बनी थी। जिसमें आंगनबाड़ी केंद्रों में खाना बनाने वाले मदर ग्रुप की महिलाओं को मिलने वाले पारिश्रमिक में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव पास किया गया था। इसके साथ साथ मंत्री जी ने भविष्य में मदर ग्रुप की कार्यकर्ताओं को मिलने वाली मजदूरी की राशि उनके बैंक खातों में सीधे राशि हस्तांतरित करने का आदेश भी दिया था। उन्होंने कहा था कि ग्रामीण स्तर पर बनाई गई कमेटियां अब निष्प्रभावी हो गई हैं। उन्हें केवल सुपर विजन का काम ही देखना है। लेकिन इन आदेशों की जिला प्रोग्राम अधिकारी और बाल विकास अधिकारी का कार्यालय धज्जियां उड़ा रहे हैं। इन आदेशों की परी पालना नहीं होने की वजह से मदर ग्रुप की महिलाओं को पिछले 22 महीने से उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है। इस पत्र में ले गए निर्णयों को लागू करने की जद्दोजहद आज बाल विकास अधिकारी ग्रामीण फरीदाबाद के साथ होती रही। अंत में उन्होंने विश्वास दिलाया कि पिछला बकाया ग्रामीण स्तर पर बनी कमेटी के खाते में हस्तांतरित कर दिया जाएगा। इसके बाद मदर ग्रुप के खाते मैं धनराशि हस्तांतरित कर दी जाएगी। शिष्टमंडल में मदर ग्रुप की प्रधान निजरवी भी शामिल थी। उन्होंने बताया की मदर ग्रुप की वर्कर पिछले काफी दिनों से परेशान हैं।

इन वर्करों से आंगनबाड़ी सेंटरों में बच्चों के लिए दिन का खाना बनाने का काम लिया जाता रहा है। लेकिन वेतन देने के नाम पर सीडीपीओ और प्रोग्राम अधिकारी बहाने बनाती हैं। यूनियन की कार्यकर्ताओं ने अपनी लंबित मांगों को लेकर इस कार्यालय पर धरना भी दिया । लेकिन प्रोग्राम अधिकारी हां तो भर लेती हैं लेकिन बकाया का भुगतान नहीं करती। जबकि सरकार ने कोरोना के चलते हुए लॉक डाउन होने के बाद भी मजदूरों को इस अवधि का वेतन देने का पत्र जारी किया था लेकिन जिला बाल विकास अधिकारी मदर ग्रुप की कार्यकर्ताओं को लॉक डाउन अवधी का वेतन देना तो दूर रहा विगत वर्ष का वेतन नहीं दे रही है। जबकि सरकार के पास पर्याप्त बजट है। इस बजट को प्रोग्राम अधिकारी का कार्यालय ग्रामीण स्तर पर निर्मित कमेटी के खाते में हस्तांतरित कर देते हैं। जबकि मंत्री जी ने म दर ग्रुप के खाते में पैसे ट्रांसफर करने के आदेश दे रखे हैं। डंगवाल ने बताया कि हकीकत में प्रोग्राम अधिकारी फरीदाबाद मदर ग्रुप की कार्यकर्ताओं की पारिश्रमिक की अदायगी ही नहीं करना चाहती है । एक तरफ रेगुलर कर्मचारियों को महीने की पहली तारीख को तनखा मिलती हैं। दूसरी तरफ आगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए खाना बनाने का काम करने वाली इन महिलाओं को वेतन के लिए दो दो वर्षों तक इंतजार करनी पड़ती है। डंगवाल ने बताया कि इन वर्केरो को अपने घर से एडवांस में ईंधन, दलाई, पिसाई आदि पर पैसा खर्च करना पड़ता है। जबकि यह कार्य प्रोग्राम अधिकारी और सीडीपीओ और सुपरवाइजर और आगनबाड़ी वर्कर का बनता है। एक तरफ सरकार मदर ग्रुप की महिलाओं को पक्का रोजगार नहीं दे रही है। दूसरी तरफ इनको काम करने के बदले में उचित मानदेय भी समय पर नहीं मिलता है। इस बात के लिए वर्करों में भारी नाराजगी व्याप्त है। क्योंकि इन महिला वर्करों से बायोमेट्रिक मशीन में दो बार दिन में हाजिरी लगवाई जाती है। लेकिन दिन भर काम करने के बाद जीने लायक वेतन नहीं मिलता हैं। जबकि डायरेक्टर ने प्रत्येक महीने की 10 तारीख से पहले मदर ग्रुप की महिलाओं के खाते में मानदेय हस्तांतरित करने के आदेश दे रखे हैं लेकिन इनकी अनदेखी हो रही है

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