माइग्रेन को जिंदगी से भगाने का फॉर्मूला : साइकोन्यूरोबिक्स

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दो गिन्नजी रिकॉर्ड बनाने वाले डा. बीके चंद्रशेखर ने ईजाद की है बिना दवाई इलाज की तकनीक

Faridabad News : आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ज्यादातर लोग मानसिक तनाव से घिरे हुए हैं। जिसके कारण वह कई प्रकार की साइको बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं और अपनी जिंदगी की मोटी कमाई चिकित्सा पर लुटाने को मजबूर हैं। लेकिन साइको न्यूरोबिक्स हर आदमी के लिए जैसे एक वरदान है जिसके प्रयोग से बिना दवाइयों के आप रोगमुक्त हो सकते हैं और इसके निरंतर अनुभव से रोगमुक्त रह सकते हैं।

आज लोगों को दिमागी रोग माइग्रेन ने बहुत परेशान कर रखा है। कारण बड़ा साफ है कि लक्ष्य बड़े हैं और उन्हें पाने का न तो रास्ता पता है और न ही समय है। लेकिन सभी एक दौड़ में भागे जा रहे हैं। यह दौड़ पहले दिमाग और फिर शरीर को ग्रसित कर लेती है।

यदि मनुष्य एक बार माइग्रेन का शिकार हो जाए तो वह जिंदगी भर डाक्टर के चक्कर काटता रहता है। उसका जीवन दवाईयों पर निर्भर होने लगता है। जिससे व्यक्ति का जीवन अभिशाप तक बन जाता है। कई बार माइग्रेन बिगडऩे के कारण व्यक्ति चिडचिड़ा भी रहने लगता है। उसका मन किसी काम में नहीं लगता है।

लेकिन यदि आप माइग्रेन रोग से पीडि़त है और दवाईयों पर निर्भर हैं तो आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। साइको न्यूरोबिक्स के जनक डॉ. बीके चन्द्रशेखर न केवल आपको माइग्रेन बीमारी से निजात दिलाएंगे, बल्कि पीडि़त को फिर से माइग्रेन भी नहीं होगा।

क्या होता है माइग्रेन
माइग्रेन एक जटिल विकार है। जिसमें बार-बार मध्यम से गंभीर सिरदर्द होता है और अक्सर इसके साथ कई स्वैच्छिक तंत्रिका तंत्र से संबंधित लक्षण भी होते हैं।

आमतौर पर सिरदर्द एक हिस्से को प्रभावित करता है और इसकी प्रकृति धुकधुकी जैसी होती है जो 2 से लेकर 72 घंटों तक बना रहता है। संबंधित लक्षणों में मितली, उल्टी, फोटोफोबिया (प्रकाश के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता), फोनोफोबिया (ध्वनि के प्रति अतिरिक्त संवेदनशीलता) शामिल हैं और दर्द सामान्य तौर पर शारीरिक गतिविधियों से बढ़ता है। माइग्रेन सिरदर्द से पीडि़त एक तिहाई लोगों को ऑरा के माध्यम इसका पूर्वाभास हो जाता है, जो कि क्षणिक दृश्य, संवेदन, भाषा या मोटर (गति पैदा करने वाली नसें) अवरोध होता है और यह संकेत देता है कि शीघ्र ही सिरदर्द होने वाला है।

क्या कहते हैं डॉ. बीके चन्द्रशेखर
डॉ. बीके चन्द्रशेखर ने बताया कि आज देश की एक तिहाई जनसंख्या माइग्रेन से पीडि़त है। क्योंकि आज सब लोग किसी न किसी कारण से तनाव से ग्रस्त है। एक छोटे से बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इस कड़ी में आते हैं। वहीं युवा इसकेे शिकार जल्दी होते हैं। उन्होंने बताया कि माइग्रेन से घबराने की आवशयकता नहीं है।

माइग्रेन मरीज रोजाना 20-30 मिनट प्राण मुद्रा का अभ्यास करे। अपनी अनामिका, कनिष्ठिका और अंगूठेे के सिरों को आपस में मिलाएं। अपने दोनों हाथ, हथेलियां ऊपर की ओर करके मुड़े हुए घुटनों पर रखें। मिले हुए सिरों को थोड़ा दबाव बनायें और शेष हाथ को आराम की अवस्था में रखें। आंख बंद करके चिंतन करें कि आपके सिर पर आसमान की ओर से एक बैंगनी रंग की लाइट आ रही है। जो सिर में जाकर दिमाग को शांति पहुंचा रही है और धीरे-धीरे सिर दर्द में आराम हो रहा है।

इस तरह यदि आप रोजाना 30 मिनट अभ्यास करेंगे तो अवश्य ही आपको माइग्रेन से छुटकारा मिलेगा।

अधिक जानकारी के लिए आप डा बीके चंद्रशेखरजी से सिगफा सॉल्यूशंस, बी-845, गेट नंबर चार, ग्रीनफील्ड कॉलोनी, फरीदाबाद पर शिवशंकर जी से मोबाइल नंबर 9213361561 पर समय लेकर मिल सकते हैं।

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