मंथन ने किया ग्रीष्मकालीन शिविर का आयोजन

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New Delhi News, 26 June 2019 : ग्रीष्मकालीन शिविर विद्यार्थी जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है जिसे शैक्षणिक जीवन की चहल-पहल के बीच अनदेखा नहीं किया जा सकता। ग्रीष्मकालीन शिविर केवल मनोरंजन करने के लिए नहीं होता अपितु यह बच्चे को कई सकारात्मक तरीकों से भी प्रभावित करता है। यह बच्चों की मानसिक, शारीरिक और सामाजिक क्षमता को विकसित कर उन्हें भावनात्मक और सामाजिक रूप से बढ़ने का अवसर प्रदान करता है। बच्चे ख़ुद को स्वतंत्र महसूस करते हैं और उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है और हम जानते हैं कि व्यावहारिक ज्ञान, सैद्धांतिक ज्ञान से बेहतर होता है। ग्रीष्मकालीन शिविर उन्हें जीवन के कुछ सबसे महत्वपूर्ण पाठ सिखाता है।
ग्रीष्मकालीन शिविर के महत्त्व से कोई भी बच्चा अछुता न रह जाए इसके लिए मंथन ने भी अपने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और बिहार स्थित19 केन्द्रों में 11 जून 2019 से 30 जून 2019 तक ग्रीष्मकालीन शिविर का आयोजन किया जिसका इस वर्ष का विषय केन्द्रों की सजावट, आर्ट एंड क्राफ्ट, संगीत, नृत्य कला, थिएटरतथा सेल्फ डिफेंस रखा गयाI

मंथन : संपूर्ण विकास केंद्र, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का एक सामाजिक प्रकल्प है जो कई वर्षों से देश के अभावग्रस्त बच्चों को निशुल्क एवं मूल्याधारित शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उनके भीतर छुपी प्रतिभाओं को प्रेरणा रुपी पंख लगा दिशा दिखाने में संलग्न है I प्रकृति ने हम सभी को अलग बनाया है I सभी एक दूसरे से भिन्न हैं और सभी के अन्दर एक विशेष गुण होता है I मंथन भी बच्चों को उनमें निहित प्रतिभाओं की पहचान करा उसी क्षेत्र में उन्हें आगे बढ़ने में विशेष भूमिका अदा कर रहा है I

इस शिविर में न केवल शिक्षकों ने अपना सहयोग दिया अपितु कई प्रतिभाशाली स्वयंसेवकों ने भी अपनी सेवा को समर्पित किया I मोहित सेल्फ डिफेंस ट्रेनर (MMA, Taekwondo, Boxing, Wrestling, BJJ National-Wushu-Gold, MMA-Asia level-2nd)ने शकूरपुर केंद्र में बच्चों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी Iबच्चों ने मनोरंजन के साथ-साथ नेतृत्व गुण, अन्य बच्चों के साथ सामाजिक बनना, सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना, कड़ी मेहनत करना, अनुशासन में रहना, निर्णय लेने, स्वतंत्र, जिम्मेदार रहने जैसे कई जीवन कौशल भी सीखे I बच्चों ने अपने अद्भुत प्रदर्शनों से सभी को आश्चर्यचकित भी किया I किसी ने चित्रकारी में अपने हाथों की जादूगरी दिखाई तो किसी ने संगीत के स्वरों को छेड़ते हुए गायन किया I कुछ ने नृत्यकला में स्वयं को आज़माया तो कुछ ने मनोरंजक अभिनय प्रस्तुत किया I इस शिविर में निस्संदेह बच्चों को विभिन्न गतिविधियों के ज़रिए उन्हें अपनी इच्छा अनुसार कलाओं में अपनी क्षमता को बढ़ाने और साथ ही साथ अपने क्षितिज यानि ज्ञान की सीमा को और अधिक फैलाने का अवसर मिला I

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