भगवान परशुराम त्रेता युग के ब्रह्मक्षत्रिय थे : सुरेन्द्र शर्मा

0
2314
Spread the love
Spread the love

Faridabad News : भगवान परशुराम त्रेता युग (रामायण काल) के एक ब्रह्मक्षत्रिय थे। उन्हें भगवान विष्णु का छठा अवतार भी कहा जाता है। उक्त वक्तव्य पं. सुरेन्द्र शर्मा बबली ने सैक्टर-22 स्थित मंदिर में आयोजित भगवान परशुराम जयंती कार्यक्रम के अवसर पर कहे। उन्होंने भगवान परशुराम के जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि पौरोणिक वृत्तान्तों के अनुसार उनका जन्म भृगुश्रेष्ठ महर्षि जमदग्नि द्वारा सम्पन्न पुत्रेष्टि यज्ञ से प्रसन्न देवराज इन्द्र के वरदान स्वरूप पत्नी रेणुका के गर्भ से वैशाख शुक्ल तृतीया को हुआ था। वे भगवान विष्णु के आवेशावतार थे। पितामह भृगु द्वारा सम्पन्न नामकरण संस्कार के अनन्तर राम, जमदग्नि का पुत्र होने के कारण जामदग्न्य और शिवजी द्वारा प्रदत्त परशु धारण किये रहने के कारण वे परशुराम कहलाये। कार्यक्रम की अध्यक्षता जे पी गौड ने की जबकि भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष अनीता शर्मा, विधायक मूलचंद शर्मा के भाई टिपरचंद एवं पं. रामदत्त विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। सभी उपस्थित अतिथियों ने भगवान परशुराम जयंती की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर पं. ओ पी शास्त्री, ललित बघौला, ललित पाराशर, मोहित शर्मा, कृष्णकांत, बंटी भारद्वाज, सुभाष, कृष्ण, हरीश, त्रिलोक, लेखराज आदि ने भगवान परशुराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here