महाराष्ट्र सरकार की तरह छात्रहितों में फैसला ले हरियाणा की खट्टर सरकार : कृष्ण अत्री

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Faridabad News, 05 June 2020 : आज एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने हरियाणा के शिक्षा मंत्री और महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के उपकुलपति को पत्र लिखकर महाराष्ट्र सरकार, दिल्ली विश्वविद्यालय, आईआईटी कानपुर-मेरठ-मुम्बई, एमिटी राजस्थान की तर्ज पर छात्रों को बिना परीक्षा लिए 10 प्रतिशत ग्रेस अंकों के साथ प्रोमोट करने का अनुरोध किया है।

एनएसयूआई हरियाणा के प्रदेश महासचिव कृष्ण अत्री ने बताया कि एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन के दिशानिर्देश पर पूरे देशभर में छात्रों को बिना परीक्षा लिए अगली कक्षा में प्रोमोट कराने के लिए एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने मुहिम छेड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि इसी संदर्भ में 23 मई को हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था और बीते कल 4 जून को वाईएमसीए यूनिवर्सिटी के उपकुलपति को एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन भी सौंपा था। इसी कड़ी में कड़ी जोड़ते हुए आज हरियाणा के शिक्षा मंत्री और एमडीयू के उपकुलपति को पत्र लिखकर छात्रों को प्रोमोट करने का अनुरोध किया है।

कृष्ण अत्री ने बताया कि कोविड-19 के चलते हुए लॉकडाउन में कक्षाएं नही लग पाई है और अगर व्हाट्सएप्प के माध्यम से लगी भी है तो महज औपचारिकता के लिए लगी है और जब क्लास की नही लगी तो परीक्षा किस आधार पर ली जाएगी। अगर सरकार इस दौरान ऑनलाइन परीक्षा भी लेती है तो प्रदेश में ऑनलाइन परीक्षा लेने के पुख्ता इंतजाम नही है ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प छात्रहित में नही है और वही पेन-पेपर से परीक्षा लेना छात्रों की जान से खिलवाड़ है।

कृष्ण अत्री ने बताया कि हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय, आईआईटी कानपुर-मेरठ-मुम्बई, एमिटी राजस्थान व महाराष्ट्र सरकार द्वारा बिना परीक्षाओं के छात्रों को प्रोमोट करने का निर्णय लिया गया है, ऐसे में हरियाणा सरकार भी इसके तर्ज पर ही यूजी, पीजी व अन्य कोर्सो के छात्रों को बिना परीक्षाओं के प्रोमोट करने के आदेश जारी करने चाहिए। इसी के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय, सीबीएल्यू भिवानी व एनआईटी कुरुक्षेत्र द्वारा भी पहले व दूसरे सत्र के छात्रों को बिना परीक्षा प्रोमोट करने का निर्णय लिया गया है जिसका एनएसयूआई खुले दिल से स्वागत करती है और साथ ही माँग करती हैं कि महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी भी अपने छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए बिना परीक्षा लिए 10 प्रतिशत ग्रेस अंकों के साथ प्रमोशन देने का काम करके छात्रहित में फैसला ले।

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