इन्फ्राकॉन्क्लेव 2018 – प्रगतिशील बुनियादी ढांचे के लिए एक सतत प्रयास

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Faridabad News : इन्फ्राकॉनक्लेव के पहले संस्करण की सफलता के बाद, टीम इसका दूसरा संस्करण, इन्फ्राकॉनक्लेव 2018 लेकर आयी। यह हितधारकों, नीति निर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों की भागीदारी के लिए एक समावेशी संवाद मंच है। सम्मेलन का आयोजन च्क्रियाशील बुद्धिज् की चर्चा शुरू करने और देश के बुनियादी ढांचे के विकास हेतु सरकार को व्यावहारिक समाधान एवं कार्य बिंदु देने के लिए किया गया था। सम्मेलन का आयोजन १५-१६ जून, 2018 को नई दिल्ली में किया गया।सम्मेलन में ज्ञान, विचारों के आदान-प्रदान और राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए उद्योग विशेषज्ञों, इन्फ्रास्ट्रक्चर पेशेवरों और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के अलावा विद्युत, एयरवेज, बंदरगाह, रेलवे, जलमार्ग, आवास, स्वच्छता, कचरा प्रबंधन, जल एवं शहरी परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भी एक साथ भाग लिया।

एसोसिएशन ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री के महानिदेशक तथा इन्फ्राकॉन्क्लेव के एक वक्ता, श्री रजनीश दासगुप्ता ने कहा, च्भारत एक विकासशील देश है और इसकी आर्थिक वृद्धि सीधे-सीधे इसके बुनियादी ढांचे के विकास पर निर्भर करती है।पिछले कुछ वर्षों में, हमारी सरकार ने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई उपाय किए हैं। हालांकि, सरकार कामानना है कि राष्ट्र निर्माण की इस प्रक्रिया के बेहतर एवं तीव्र परिणामों के लिए सभी हितधारकों के प्रयासों की आवश्यकता है। इसी बात ने हमारे इस सम्मेलन का मार्गदर्शन किया। चर्चा सत्र के माध्यम से, हमने सरकार के प्रयासों में सहायता करने केलिए एक च्एक्शनेबल इंटेलिजेंसज् तैयार करने की पहल की। मुझे खुशी है कि उद्योग की विभिन्न प्रतिष्ठित हस्तियां हमसे जुड़ गयीं और इस पहल को मजबूती दी। मैं इस इनीशिएटिव का समर्थन करने के लिए हरियाणा के माननीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री का भी आभारी हूं।

जिन दूरदर्शी और उद्योग विशेषज्ञों ने हमारे प्रयासों को बल दिया, उनमें एस्सेल इन्फ्रा के निदेशक व सीईओ श्री अशोक अग्रवाल, ग्रामीण विकास मंत्रालय की मिशन हेड, सुश्री विनीता हरिहरन, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्रीविनायक के. देशपांडे और हीरो फ्यूचर एनर्जीज प्राइवेट लिमिटेड के श्री सुनील जैन प्रमुख हैं। हरियाणा राज्य हमारा च्पार्टनर स्टेटज् बना, जिसने हमारे प्रयासों को बल दिया। प्रथम संस्करण की तरह, सम्मेलन के द्वित्तीय संस्करण में भी बुनियादी ढांचे के प्रमुख घटकों जैसे शहरी एवं ग्रामीण विकास, एविएशन, रेलवे और पर्यटन आदि पर जोर रहा और इसने बुनियादी ढांचे में परिवर्तन को सशक्त किया।सम्मेलन का उद्देश्य था देश का आर्थिक, पर्यावरण संबंधी, सामाजिक, टिकाऊ, एकीकृत और समावेशी विकास। इसे सफल बनाने के लिए, हम बुनियादी ढांचे के हितधारकों तक पहुंचे और उन्हें इस चर्चा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। फिर उन्होंने परिवर्तनीय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सर्वोत्तम तरीके और कार्य योजनाएं प्रस्तुत कीं। इस चर्चा से लोगों के समक्ष आने वाले प्रमुख मुद्दे और चुनौतियां उजागर हुईं और संभावित समाधान सामने आये। सम्मेलन का फोकस राष्ट्र निर्माण और ग्रामीण व शहरी दोनों तरह की आबादी की जीवन शैली में व्यापक सुधार करने पर रहा। पूरे सम्मेलन में ज्ञान और अभिनव विचारों का स्वस्थ आदान-प्रदान हुआ, जहां कई परिवर्तनकारी विचार प्रस्तुत किये गये। प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक बार कहा था कि च्अच्छे बुनियादी ढांचे में राष्ट्र को बदलने की क्षमता होती हैज्, और हमने उन्हीं के शब्दों का अनुपालन किया। इन्फ्राकॉन्क्लेव के बारे में इन्फ्राकॉन्क्लेव एक इन्क्लूसिव डायलॉग प्लेटफार्म है, जो भारत के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए क्रियाशील बुद्धि को बढ़ावा देता है। क्रियाशील इंटेलिजेंस का तात्पर्य वह अर्जित बुद्धि है जो वास्तविक जीवन की चुनौतियों का सामना करती है और समय पर निष्पादन के साथ वास्तविक कार्य पेश करती है। हम इस तथ्य पर दृढ़ विश्वास है कि आधारभूत संरचना के लिए परिवर्तनीय दृष्टिकोण से ही स्थायी विकास संभव है। सरकार भी बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है, क्योंकि यह देश के विकास से पीछे चल रहा है। हम प्रति वर्ष इस सम्मेलन का आयोजन करते हैं, ताकि प्रभावी संवाद के जरिये देश के बुनियादी ढांचे में प्रगति हो सके। हम नागरिक समाज, उद्योग और सरकार के साथ साझेदारी के लिए भागीदारी करते है,ं ताकि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत तय हो सकें।

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