हरियाणवीं संस्कृति का प्रतीक आदमकद हुक्का सूरजकुंड मेले की बढ़ा रहा है शोभा

0
4624
Spread the love
Spread the love

Faridabad News, 04 Feb 2019 : 33 वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में एक स्टाल ऐसा भी है जहां मेले में पहुंचने वाले पर्यटकों को हरियाणा की प्राचीन संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलता है। स्टाल में दशकों पूर्व खेत जोतने की औजार जैसे हल, जूआ, सांटा, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले चाक सहित अनेक ऐसी चीजें देखने को मिल रही है जो अभी लुप्तप्राय है।

हरियाणा में पंचायत व चौपाल की शान तथा सच्चाई के प्रतीक माने जाने वाले आदमकद हुक्के को देखने के लिए देसी विदेशी पर्यटकों में खासा उत्साह नजर आ रहा है। इस हुक्के को पर्यटक न केवल निहार रहे हैं, बल्कि दिनभर सेल्फी लेकर अपनी यादों में सहेज कर रख रहे हैं। स्टाल के मुखिया व धरोहर के निदेशक डा. महा सिंह पूनिया ने हुक्के के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि एक समय था जब पंचायतों में हुक्के की शपथ लेकर बड़े बड़े फैसले एक पल में निपटा दिए जाते थे। हुक्के को हरियाणवी संस्कृति में भाईचारे का प्रतीक भी माना गया है। उन्होंने बताया कि आज भी गांवों में जब बैठकों का दौर चलता है तो वहां हुक्के की मौजूदगी लाजमी है। बैठकों में हुक्का पीते हुए बड़े बुजुर्गों से युवा उनके अनुभव से रूबरू होते हुए राजनैतिक गलियारों तक की चर्चाएं करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here