सिलिकोसिस पीड़ितों की सहायता करने वाला हरियाणा प्रथम राज्य : डॉ. चौधरी

0
2911
Spread the love
Spread the love

Faridabad News : सिलिकोसिस फेफड़ों से संबंधी एक भयंकर बीमारी है जो कि टी.बी. से भी भयंकर है । सिलिकोसिस पीड़ित श्रमिकों के पुनर्वास हेतू नीति बनाने वाला देश का प्रथम राज्य हरियाणा है यह जानकारी देते हुये हरियाणा सिलिकोसिस पुनर्वास नीति के नोडल अधिकारी डॉ. रीगल चौधरी ने बताया है कि इस नीति के तहत सिलिकोसिस से पीड़ित श्रमिकों की पहचान करके अभी तक 55 पीड़ितों को पुनर्वास के लिये 5-5 लाख रूपए की आर्थिक सहायता पीड़ितों को दी जा चुकी है ।

हरियाणा सिलिकोसिस पुनर्वास नीति के नोडल अधिकारी उप निदेशक ऑफ़ स्वास्थ्य, गुड़गांव डॉ. रीगल चौधरी ने शुक्रवार को रीजनल लेबर इंस्टीटयूट सेक्टर-46 फरीदाबाद में सिलिकोसिस से पीड़ित श्रमिकों के पहचान के डायगोनिस्ट बोर्ड की अध्यक्षता करते हुये बताया कि इस प्रकार का यह सातवां बोर्ड बिठाया गया है उन्होंने बताया कि पहले पीड़ितों की पहचान की जाती है और किसी श्रमिक को सिलिकोसिस है या नहीं उसकी जाचं बोर्ड द्वारा की जाती है ।

डॉ. रीगल ने बताया कि यह बीमारी सीलिका धूल से होता है जिसकी स्टोन क्रेशरों पर मिलती है इसी के चलते हरियाणा सरकार द्वारा 2014 में पूरी हरियाणा के क्रेशर जोनों का सर्वे करवाया गया था। डॉ. रीगल ने बताया हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य है जिसकी सरकार ने सिलिकोसिस जैसी भयंकर लाइलाज बीमारी से पीड़ितों की चिंता जताते हुये जनवरी 2017 में सिलिकोसिस पुनर्वास नीति बनाई गई थी।

जिसके तहत अब तक 55 श्रमिकों को पांच-पांच लाख रूपए की सहायता दी जा चुकी है और 22 दिसंबर 2017 को रीजनल लेबर इंस्टीटयूट सेक्टर-46 फरीदाबाद में सातंवा बोर्ड बिठाया गया जिसमें डॉ. नीतू डॉ. अंजली सचदेवा व डॉ. हरेंद्र मान सहायक उप निदेशक ऑफ़ स्वास्थ्य, फरीदाबाद द्वारा कुल 41 श्रमिकों की सिलिकिोसिस सम्बन्धी जांच की गई जिनमें से 21 श्रमिकों को सिलिकोसिस की शिकायत मिली है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इन श्रमिकों को ईएसआई अस्पताल, फरीदाबाद में भर्ती करवाकर ईलाज शुरू करवाया जायेगा तथा जल्द ही इनको पुनर्वास सहायता राशि भी दे दी जायेगी ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here