9वें वार्षिक प्रामेरिका स्पिरिट ऑफ कम्युनिटी अवार्ड्स कार्यक्रम में फरीदाबाद की दिव्या गोयल का सम्मान

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Faridabad News, 01 April 2019 :  फरीदाबाद निवासी और वुडस्टॉक स्कूल, मसूरी की कक्षा 11 की छात्रा, दिव्या गोयल को डीएचएफएल प्रामेरिका लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा आयोजित 9 वें वार्षिक प्रामेरिका स्पिरिट ऑफ कम्युनिटी अवार्ड्स कार्यक्रम में सम्मानित किया गया है। दिव्या को यह सम्मान उनकी ‘‘परिंदा‘‘ नामक पहल के लिए मिला है, जिसके तहत वे विलुप्त होती गौरैया एवं अन्य पक्षियों के बारे में जागरूकता फैलाने का कार्य करती आयी हैं। इस अभियान के माध्यम से दिव्या ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में न सिर्फ लोगों को पक्षियों की घटती आबादी के बारे जागरूक किया है, बल्कि वे पक्षियों के संरक्षण की दिशा में जनता को प्रेरित भी करती हैं।

दिव्या की कहानी बहुत प्रेरणा देती है कि कैसे कक्षा 11 की एक छात्रा इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए इतना अधिक प्रयास कर सकती है। दिल्ली-एनसीआर एवं उत्तराखंड में पक्षियों की आबादी में एक बड़ा बदलाव देखने के बाद, दिव्या ने ‘‘परिंदा‘‘ नाम से एक सामुदायिक सेवा अभियान छेड़ दिया। इस अभियान के जरिये उन्होंने लोगों को पक्षियों की घटती संख्या के बारे में जागरूक किया और उनको बचाने के लिए उपाय भी बताने शुरू किये। उनके प्रयासों से फरीदाबाद के 80 परिवारों ने अपने घरों में बर्ड फीडर लगा लिये।

इस पहल के बारे में बताते हुए, दिव्या ने कहा, ‘‘पक्षी पर्यावरण की सेहत के सूचक होते हैं और उनकी घटती संख्या से पता लगता है कि हमारी जीवनशैली में किस कदर बदलाव आया है। कक्षा 10 की परीक्षा के बाद, मुझे हिमाचल प्रदेश जाने का मौका मिला, जहां जाकर मैंने पाया वहां और दिल्ली के पक्षियों की आबादी में बड़ा भारी अंतर है। मैंने हिमाचल में खूब सारी गौरैया चिड़ियां देखीं, जबकि दिल्ली में वे शायद ही कभी दिखायी देती हैं। तब मैंने परिंदा की शुरुआत की, ताकि पक्षियों की विलुप्त होती प्रजातियों के बारे में बात कर सकूं और उनको बचाने के उपाय भी शुरू कर सकूं। अभी तक हमने 100 बर्ड फीडर्स की व्यवस्था की है और मैं इस संख्या को आगे और बढ़ाने के लिए संकल्पित हूं। इस पूरे अभियान से मुझे बहुत अधिक संतुष्टि मिली है, क्योंकि इससे मैंने बहुत कुछ सीखा है और तरह-तरह के अनुभव भी हुए हैं।‘‘

प्रामेरिका स्पिरिट ऑफ कम्युनिटी अवार्ड्स के तहत स्कूल स्तर पर सामुदायिक सेवा में रत स्वयंसेवकों को पहचान प्रदान की जाती है। यह सम्मान कार्यक्रम, प्रूडेंशियल स्पिरिट ऑफ कम्युनिटी अवार्ड्स का ही एक एक्सटेंसन है, जो कि अमेरिका में वॉलंटियर सर्विस को पहचान देने वाला एक सबसे बड़ा युवा सम्मान कार्यक्रम है। भारत में इस अवार्ड प्रोग्राम की शुरुआत 2010 में की गयी थी और इसमें कक्षा छह से 12 तक के छात्र हिस्सा ले सकते हैं।

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