बजट से पहले शिक्षा, आंत्रप्रन्योरशिप और एम्प्लॉयबिलिटी पर चर्चा

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Faridabad News, 15 Jan 2019 : 2019-2020 के बजट से पहले स्ट्रैटफर्स्ट इंडिया और एसोचैम की ओर से एक राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। मानव रचना शैक्षणिक संस्थान इस कॉन्फ्रेंस का नॉलेज पार्टनर रहा। राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस में शिक्षा, आंत्रप्रन्योरशिप और एम्प्लॉयबिलिटी पर बजट की उम्मीदों के बारे में चर्चा की गई। इस दौरान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री एसपी शुक्ला ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। एसपी शुक्ला ने सभी को यह आश्वसन दिया कि राउंडटेबल कॉन्फ्रेंस में दिए गए सुझावों को वह वित्त मंत्री अरुण जेटली के सामने रखेंगे। उन्होंने ये उम्मीद भी जताई कि, इस चर्चा के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली सभी को नॉर्थ ब्लॉक में चर्चा के लिए भी बुला सकते हैं। उन्होंने कहा कि, शिक्षा का बजट छह प्रतिशत करने की पूरी कोशिश की जाएगी, ताकि छात्रों को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके।

राउंडटेबस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिक्षा, आंत्रप्रन्योरशिप और एम्प्लॉयबिलिटी को लेकर सुझाव दिए गए।

शिक्षा: पहला, जीएसटी 18 प्रतिशत से कम करके 5 प्रतिशत करने का सुझाव दिया गया। दूसरा, सरकार की ‘आयुष्मान भारत’ स्कीम शुरुआत की है, उसकी तरह शिक्षा के लिए भी एक स्कीम लाई जाए ताकि, शिक्षा भारत के कोने-कोने तक पहुंच पाए। तीसरा, शिक्षकों, प्रोफेसर और रिसरचर्स को टैक्स में रियायत दी जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा रिसरचर, प्रोफेसर और शिक्षक शिक्षा जगत में आएं। चौथा, 100 साल पुरानी यूनिवर्सिटी को 200 करोड़ और 50 साल पुरानी यूनिवर्सिटी को 100 करोड़ का फंड देने का प्रावधान होना चाहिए।

आंत्रप्रन्योरशिप: पहला, कॉर्पोरेट क्षेत्र को उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग तरीकों से महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है; नए विचारों का वादा करने के लिए इनक्यूबेटर्स प्रदान करके और उन्हें उद्यमी नेटवर्क बनाने में मदद करके स्टार्ट अप का उल्लेख करना है। ऐसा करने से कंपनियों के साथ-साथ अनुभवी उद्यमियों सीधे लाभान्वित होते हैं। दूसरा, वित्तीय पूंजी उप्लब्ध करवाना। । तीसरा, नए उपक्रमों को प्रतिभा की आपूर्ति करवाना। चौथा, सक्षम करने वाला बुनियादी ढांचा प्राप्त करवाना।

एम्प्लॉयबिलिटी: पहला, सफलता की कहानियों को साझा किया जा सकता है, ताकि यह युवाओं को अपनी प्रतिकृति की संभावनाओं का पता लगाने के लिए एक माध्यम प्रदान करे। दूसरा, निजी क्षेत्र की भागीदारी को मजबूत करना। तीसरा, वित्तीय संसाधनों और प्रणालीगत सुधारों की उपलब्धता।

इस कार्यक्रम में प्रोफेसर अमिताभ मट्टू, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला, एमडी डॉ. संजय श्रीवास्तव, जीडी गोएंका ग्रुप के एंडी निपुण गोएंका, बिमटेक के डायरेक्टर डॉ. एच चतुर्वेदी, आईआईएम लखनऊ के पूर्व डायरेक्टर पर्दश्री डॉ. प्रीतम सिंह, एनसीटीई की चेयरपर्सन सतबीर बेदी, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के एमडी मनीष प्रकाश समेत कई दिग्गज मौजूद रहे।

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