फरीदाबाद के कांग्रेसियों ने मनाई राजीव गांधी की पुण्यतिथि

0
1061
Spread the love
Spread the love

Faridabad News, 21 May 2020 : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि लॉक डाउन में सोशल डिस्टेंस के साथ श्रद्धापूर्वक मनाई गई। कांग्रेसियों ने ओल्ड फरीदाबाद चौक स्थित राजीव गांधी की प्रतिमा को गंगाजल से साफ कर माल्यार्पण किया। इस मौके पर फरीदाबाद विधानसभा के पूर्व विधायक आनंद कौशिक,तिगांव विधानसभा के पूर्व विधायक ललित नागर, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के महासचिव बलजीत कौशिक, ओबीसी के पूर्व चैयरमेन अब्दुल गफ्फार कुरेशी, पूर्व पार्षद अनिल शर्मा,पूर्व पार्षद योगेश ढींगरा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राकेश भड़ाना, डॉक्टर सौरभ शर्मा जिला अध्यक्ष प्रोफेशनल कांग्रेस, एडवोकेट विनोद कौशिक,गौरव ढींगरा,रविंद्र वशिष्ठ, सुशांत गुप्ता, डॉक्टर सतीश, कर्मवीर खटाना, राजू शर्मा, दीपक भारद्वाज, करण शर्मा, मेहर चंद पराशर, महेंद्र यादव, अश्वनी कौशिक, नितिन वर्मा ने सभी ने राजीव गांधी को श्रद्धापूर्वक नमन किया। इस अवसर पर डॉ सौरव शर्मा ने लोगों को प्रति रोधक क्षमता बढ़ाने के लिए होमियोपैथी दवाई व खाना बांटा।

इस अवसर पर आनंद कौशिक ने कहाकि कुछ लोग ज़मीन पर राज करते हैं और कु्छ लोग दिलों पर। मरहूम राजीव गांधी एक ऐसी शख़्सियत थे, जिन्होंने ज़मीन पर ही नहीं, बल्कि दिलों पर भी हुकूमत की। वे भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन हमारे दिलों में आज भी ज़िंदा हैं। राजीव गांधी ने उन्नीसवीं सदी में इक्कीसवीं सदी के भारत का सपना देखा था। स्वभाव से गंभीर लेकिन आधुनिक सोच और निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता वाले राजीव गांधी देश को दुनिया की उच्च तकनीकों से पूर्ण करना चाहते थे। वे बार-बार कहते थे कि भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने के साथ ही उनका अन्य बड़ा मक़सद इक्कीसवीं सदी के भारत का निर्माण है। अपने इसी सपने को साकार करने के लिए उन्होंने देश में कई क्षेत्रों में नई पहल की, जिनमें संचार क्रांति और कम्प्यूटर क्रांति, शिक्षा का प्रसार,18 साल के युवाओं को मताधिकार, पंचायती राज आदि शामिल हैं।श्री कौशिक ने कहाकि वे देश की कम्प्यूटर क्रांति के जनक के रूप में भी जाने जाते हैं। वे युवाओं के लोकप्रिय नेता थे। उनका भाषण सुनने के लिए लोग घंटों इंतज़ार किया करते थे। उन्होंने अपने प्रधानमंत्री काल में कई ऐसे महत्वपूर्ण फ़ैसले लिए जिसका असर देश के विकास में देखने को मिल रहा है। आज हर हाथ में दिखने वाला मोबाइल उन्हीं फ़ैसलों का नतीजा है।

इस अवसर पर पूर्व विधायक ललित नागर ने कहाकि 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी देश के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे और दुनिया के उन युवा राजनेताओं में से एक हैं, जिन्होंने सरकार की अगुवाई की है। उनकी मां श्रीमती इंदिरा गांधी 1966 में जब पहली बार प्रधानमंत्री बनी थीं, तब वह उनसे उम्र में 8 साल बड़ी थीं। उनके नाना पंडित जवाहरलाल नेहरू 58 साल के थे, जब उन्होंने आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के तौर शपथ ली। देश में पीढ़ीगत बदलाव के अग्रदूत राजीव गांधी को देश के इतिहास में सबसे बड़ा जनादेश हासिल हुआ था। अपनी मां के क़त्ल के बाद 31 अक्टूबर 1984 को वे कांग्रेस अध्यक्ष और देश के प्रधानमंत्री बने थे। अपनी मां की मौत के सदमे से उबरने के बाद उन्होंने लोकसभा के लिए चुनाव कराने का आदेश दिया। दुखी होने के बावजूद उन्होंने अपनी हर ज़िम्मेदारी को बख़ूबी निभाया। उन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि आज के दिन हम सभी को स्व. राजीव गांधी के आदर्शो को अपनाते हुए समाज व देशहित में कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए, यही स्व. गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इस अवसर पर बलजीत कौशिक ने कहाकि स्व. राजीव गांधी के अनुभव को बांटते हुए कहा कि वह स्वयं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ 5 सालों तक राजनीति में रहे थे, वो बहुत ही नेक और मिलनसार व्यक्ति थे। साधारण कार्यकर्ता से भी राजीव सच्चे दिल से मिलते थे। इतना ही नहीं देश में सूचना प्रौद्योगिकी का जनक भी राजीव गांधी को ही माना जाता है। उन्होंने कहा कि जब-जब सम्प्रदायिक ताकतों ने देश से कांग्रेस को खत्म करने का प्रयास किया है, तब-तब जनता के प्यार और कार्यकर्ताओं की मेहनत की बदौलत कांग्रेस मजबूती से उभरकर आगे आई थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here