अमृता के स्वयंसेवकों ने फरीदाबाद के सेक्टर 88 में वृक्षारोपण अभियान चलाया

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Faridabad News : माता अमृतानंदमयी मठ के अंतर्राष्ट्रीय युवा संगठन (आयुध) के 50 से अधिक स्वयंसेवकों ने ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर 88 के माता अमृतानंदमयी मार्ग पर वृक्षारोपण अभियान चलाया। युवाओं ने निर्माणाधीन अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (अमृता अस्पताल) के सामने हरित क्षेत्र में 10 फुट पौधों की कई किस्मों को लगाया। यह अस्पताल पूरा होने पर 2,500 बिस्तरों के साथ एशिया की सबसे बड़ी मल्टी- स्पेषियलिटी हेल्थकेयर केन्द्र होगा।
आयुध के एक सदस्य ने कहा, “हमने अपना दिन सुबह 5 बजे शुरू किया था। इस काम को करने मंे बिल्कुल थकान महसूस नहीं हुई क्योंकि यह दुनिया भर में लोकप्रिय संत श्री माता अमृतानंदमयी देवी की शिक्षाओं से प्रेरित, पर्यावरण को हरा- भरा बनाने के महान उद्देष्य से किया गया। वास्तविकता यह है कि हम वृक्षारोपण के दौरान एक स्थायी भविष्य की दिशा में योगदान दे रहे थे, जिसने हमें इस आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रेरित किया।“
वृक्षारोपण अभियान का आयोजन करने वाले अम्मा के शिष्य ब्रह्मचारी अमित ने कहा, “पर्यावरण संरक्षण भारत की महत्वपूर्ण जरूरत है, और अपने आस-पास के पर्यावरण के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित करना इसे प्राप्त करने की दिशा में एक नेक लेकिन गतिशील कदम है। हमारा मानना है कि प्रकृति और मानवता के बीच संबंध को समझना एक स्थायी वातावरण बनाने की दिशा में प्राथमिक कदम है।“
आयुध का मतलब शांति है। यह एक अंतरराष्ट्रीय युवा संगठन है जो युवा लोगों को एक शांतिपूर्ण और स्थायी दुनिया की दिषा में योगदान करने की शक्ति प्रदान करता है। यह अभियान इस समय की सबसे सम्मानित समाजसेवी नेता – श्री माता अमृतानंदमयी देवी से प्रेरित है।
फरीदाबाद के सेक्टर 88 में अमृता अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है जो कि गृह होगा- और एलईईडी प्रमाणित एक हरी इमारत होगा जिसमें कोई कार्बन पदचिह्न, नहीं होगा, शून्य अपशिष्ट जल निकासी, और इसे 45 प्रतिषत से अधिक सौर ऊर्जा द्वारा संचालित किया जा सकता है। इस परियोजना में उपयोग की जाने वाली निर्माण सामग्री भी पर्यावरण के अनुकूली होगी। कैंपस के 70 प्रतिषत से अधिक क्षेत्रों को स्थानीय किस्मों के पेड़ों, पौधों, झाड़ियों और जल निकायों के साथ हरे- भरे क्षेत्र के रूप में विकसित करने की योजना है।
आयुध के बारे में
आयुुध अम्मा (श्री माता अमृतानंदमयी) द्वारा प्रेरित और स्थापित एक अंतर्राष्ट्रीय युवा आंदोलन है, जिन्हें दुनिया के सबसे प्रभावशाली मानवतावादी और आध्यात्मिक नेताओं में से एक के रूप में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। आयुध युवाओं को एक शांतिपूर्ण और स्थायी दुनिया में योगदान देने और सहिष्णुता, एकजुटता और वैश्विक जिम्मेदारी के भाव के साथ दयालु नेता बनने के लिए सशक्त बनाने के लिए समर्पित है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक सद्भाव, सामाजिक न्याय और व्यक्तिगत सशक्तिकरण को कायम रखने के लिए युवा लोगों की शक्तिशाली उर्जा का उपयोग करना है।
अधिक जानकारी के लिए, कृपया   www.ayudh.in पर विजिट करें।
अमृता आयुर्विज्ञान संस्थान के बारे में (अमृता हॉस्पिटल) के बारे में
अमृता आयुर्विज्ञान संस्थान (अमृता हॉस्पिटल) भारत के केरल में स्थित व्यापक स्वास्थ्य संस्था है। माता अमृतानंदमयी (दुनिया भर में अम्मा के नाम से लोकप्रिय) के द्वारा 1998 में स्थापित, अमृता हॉस्पिटल विभिन्न विशेषता में कंसल्टेषन के साथ, प्राथमिक और विशेषता देखभाल चिकित्सा सेवाओं की पूरी श्रृंखला उपलब्ध कराता है। गरीब और वंचित लोगों के लिए उन्नत चिकित्सा सेवा प्रदान करने की अम्मा की दृष्टि से अमृता हॉस्पिटल की स्थापना के लिए प्रेरणा मिली। अभी 1,300 बिस्तरों के तृतीयक रेफरल और शिक्षण अस्पताल के रूप में अमृता हॉस्पिटल सालाना 800,000 से अधिक बहिरंग विभाग और 50,000 से अधिक दाखिल रोगियों की सेवा करता है।
मरीजों को कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, न्यूरोलॉजी और अन्य विशेषताओं में अग्रणी चिकित्सा देखभाल प्राप्त होती है। अस्पताल के व्यापक संरचना में 25 आधुनिक ऑपरेटिंग थिएटर, 240 गहन-देखभाल वाले बेड, एक पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत और नेटवर्क वाली अस्पताल सूचना प्रणाली (एचआईएस), पूरी तरह से डिजिटल रेडियोलॉजी विभाग, एनएबीएल मान्यता प्राप्त चिकित्सीय प्रयोगशालाएं और चौबीसों घंटे / सातों दिन काम करने वाली टेलीमेडिसिन सेवा शामिल हैं।
अमृता हॉस्पिटल और माता अमृतानंदमयी मठ के अन्य चिकित्सा संस्थानों ने 1998 से 43.3 लाख से ज्यादा मरीजों को पूरी तरह से निःशुल्क देखभाल की सुविधा प्रदान की है। उस समय से धर्मार्थ चिकित्सा के लिए 622.53 करोड़ रुपये से अधिक उपलब्ध कराए गए हैं।

अधिक जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें:  www.amritahospitals.org

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